कम्प्यूटर वायरस क्या है ? (What is computer virus ?)

DEEPCHAND KUMAR
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मित्रों तकनीक के इस जगत में कम्प्यूटर का बहुत बड़ा योगदान है | कम्प्यूटर आजकल किसके घर में नहीं है | लेकिन मित्रों आप सब सोच रहे होंगे की कम्प्यूटर के सिर्फ फायदे है | पर ऐसा नहीं ये कम्प्यूटर हमें डिजिटल दुनिया से तो ज़ोड़ता जरुर है | लेकिन ये डिजिटल दुनिया हमारे लिए खतरनाक भी साबित हो सकता है | कैसे चलिए जानते है ?मित्रों आज हमलोग बात करने वाले है | की कम्प्यूटर वायरस क्या है ? (What is computer virus ?),

कम्प्यूटर वायरस का इतिहास क्या है ?(What is the history of the computer virus ?), कम्प्यूटर वायरस के कितने प्रकार होते है ? (How many types of computer virus ?) ,कम्प्यूटर वायरस के लक्षण क्या-क्या है ?(What are the symptoms of computer virus?) कम्प्यूटर वायरस क्या है (What is computer virus ) कम्प्यूटर वायरस क्या है (What is computer virus )

और भी कम्प्यूटर वायरस से ज़ुड़ी महत्वपूर्ण बातें को बारे में जानेंगे तो चलिए मित्रों शरू करते है | 

डेटा को सुरक्षित कैसे रखें ?

कम्प्यूटर वायरस क्या है ? (computer virus kya h ?)

कम्प्यूटर वायरस(Computer Virus) बहुत ही छोटा सोफ्ट्वेयर प्रोग्राम होता है | जो प्रोफेशनल प्रोग्रामर या प्रोफेशनल हैकर के द्वारा लोगों को परेशान करने के लिए बनाया जाता है | कम्प्यूटर वायरस बिना  उपयोगकर्ता के मर्जी के उसके कम्प्यूटर में घुसकर कम्प्यूटर पर अपना अधिकार जमा लेते है |

और कम्प्यूटर पर नकारात्मक दुष्प्रभाव डालते है | तथा विनाशकारी कार्यो को करने के लिए इस कम्प्यूटर का उपयोग करते है | साथ ही कम्प्यूटर के सभी डेटा को उस हैकर के पास भेज देता है | जिसने इस वायरस को बनाया है | इतना ही नहीं यह वायरस कम्प्यूटर में अपना कॉपी स्वयं बना लेता है |

ताकि एक कॉपी डिलीट हो जाये तो दूसरा कॉपी बचा रहता है | मित्रों कम्प्यूटर वायरस क्या है ? (What is computer virus ?) इसके बारे में हमने जान लिया अब इसके इतिहास और इसके प्रकार के बारे में भी जान लेते है |

कम्प्यूटर वायरस क्या है ?


कम्प्यूटर वायरस का इतिहास क्या है ?(What is the history of the computer virus ?)

विश्व का सबसे पहला कम्प्यूटर वायरस क्रीपर (Creeper ) था जिसका खोज अरपानेट (Arpanet) पर 1971 ई० में Robert Thomas के द्वारा किया गया था | यह वायरस कम्प्यूटर स्क्रीन पर pop-up message दिखाता था जिसमे “I’m the creeper: Catch me if you can” लिखा होता था इसके बाद बहुत सारे कम्प्यूटर वायरस  बनाया गया |

कम्प्यूटर वायरस का फुल फॉर्म क्या होता है?(what is full form of virus in computer)

मित्रों कम्प्यूटर वायरस  का फुल फॉर्म निम्नलिखित है |


  • V:-Vital,
  • I:-Information,
  • R:-Resources,
  • U:-Under,
  • S:-Seize,

कम्प्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते है ?(How many types of computer viruses are there?)

कम्प्यूटर वायरस के निम्नलिखित प्रकार है |

1 . डायरेक्ट एक्शन वायरस (Direct action Virus ):-

यह वायरस किसी में छुपा हुआ होता है | और जब उस फाइल का उपयोग किया जाता है तब यह अपना कार्य शरू कर देता है | इस वायरस से कम्प्यूटर पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता है | जैसे - Vienna Virus

2. ओवर राइट वायरस ( Over Right Virus ):-

यह वायरस जिस भी फाइल में होता है | उस फाइल का डेटा को डिलीट कर देता है |

जैसे - Trivial Virus 88-D Virus इत्यादि |

3. बूट सेक्टर वायरस (boot virus in computer ) :-

यह वायरस हार्डडिस्क या फ्लॉपी डिस्क के मास्टर बूट रिकॉर्ड के बूट सेक्टर में छुपा रहता है | यह वायरस कम्प्यूटर के बूट होने पर फैलते है | इसे बूट रिकॉर्ड वायरस भी कहा जाता है | यह वायरस कम्प्यूटर को बूट होने से रोकता है |जैसे - Anti exe Virus  इत्यादि |

4. माइक्रो वायरस ( Micro Virus ) :-

यह वायरस .doc , .xls , .pps एक्सटेंशन वाले फाइल को संक्रमित करता है | जैसे -Melissa.A Virus इत्यादि |

5. फाइल सिस्टम वायरस (File System Virus ) :-

इस वायरस को डायरेक्टरी वायरस भी कहा जाता है | यह वायरस किसी भी फाइल की डायरेक्टरी पथ के फेरबदल कर देता है |जैसे - Dir-2 Virus इत्यादि |

6. पालीमॉर्फिक वायरस ( Polymorphic Virus ) :-

पालीमॉर्फिक वायरस जब भी किसी कम्प्यूटर को संक्रमित करता है | तब यह वायरस अपने आप को एनकोड या एनक्रिप्ट करता है इस वायरस को एंटीवायरस भी नहीं पकर पाता है | और जब कोई एंटीवायरस इसे पकर लेता है तब यह वायरस अपने आप को मॉडिफाई कर लेता है | जिससे इस वायरस की पहचान जल्द नहीं हो पाता है | जैसे - Tuareg Virus इत्यादि |

7 . फैट वायरस ( Fat Virus ) :-

इस वायरस का प्रयोग किसी भी प्रकार के फाइल के लोकेशन की जानकारी के लिए किया जाता है| जैसे -Link virus इत्यादि |

8. वेब स्क्रिप्टिंग वायरस (Web Scripting Virus ):-

यह वायरस वेबसाइट के प्रोग्रामिंग कोड को संक्रमित करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है | जैसे -J .S Fort night virus इत्यादि |

9. Multiparite Virus :-

यह वायरस कई तरह से कम्प्यूटर को संक्रमित कर सकता है | जैसे बूट सेक्टर को  फाइल को  उदाहरण :- Flip Virus इत्यादि |

10. रेजिडेंट वायरस (Resident Virus ) :-

यह वायरस कम्प्यूटर के रेम मेमोरी में अपने आप को स्टोर कर लेता है | और जब कोई प्रोग्राम को चलाया जाता है तब उस प्रोग्राम को संक्रमित करता है | कम्प्यूटर को स्लो कर देता है | जैसे - Randex Virus इत्यादि |

प्रिंटर क्या होता है ? और ये कितने प्रकार के होते है ?

कम्प्यूटर वायरस के लक्षण क्या-क्या है ?(What are the symptoms of computer virus?)

  • फाइल का खो जाना ,
  • कम्प्यूटर का स्लो चलना ,
  • कम्प्यूटर का बार-बार रिस्टार्ट होना,
  • माउस पॉइंटर का सही से नहीं काम करना ,
  • किसी भी प्रोग्राम का इनस्टॉल न होना , इत्यादि लक्षण हो सकते है |

कम्प्यूटर वायरस के प्रभाव क्या-क्या है ?(What are the effects of computer virus?)

  • उपयोगकर्ता के कार्यो पर निगरानी रखना ,
  • हार्डडिस्क के सभी डेटा को नष्ट करना ,
  • हार्डडिस्क के साइज़ को बढ़ाना ,
  • कम्प्यूटर के सेटिंग के बदलना ,
  • बूट टाइम को बढ़ाना ,
  • अलग-अलग प्रकार के मेसेज को कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाना , इत्यादि प्रभाव हो सकते है |

 

कम्प्यूटर में वायरस आने के श्रोत क्या-क्या है ?(What are the sources of virus in computer?)

  • Downloadable Programs  :- अगर आप इन्टरनेट से कोई भी प्रोग्राम डाउनलोड करते है तो उसमे वायरस होने के संभावना रहता है | इसलिए आप जब भी इन्टरनेट से कुछ डाउनलोड करते है तब ये देख ले की वेबसाइट ट्रस्टटेड  है या नहीं है और उस वेबसाइट url में  https लगा है या नहीं लगा है |
  • Cracked Software :- इस प्रकार के सॉफ्टवेयरों में वायरस हो सकते है | तो ऐसे सॉफ्टवेयरों का उपयोग न करे |
  • E-Mail Attachments :- स्पैम ईमेल को ना खोले इसमें वायरस होने का संभावना रहता है |
  • Internet :- आप जब भी इन्टरनेट चलाते है तब आपको सावधानी  बरतनी चाहिये आप जिस चीज के बारे में नहीं जानते है उसपर क्लिक न करे इन्टरनेट पर आपको लोभ - लालच दिया जाता है और आप उस पर क्लिक कर देते है ऐसा नहीं करना है |
  • Booting CD / Pendrive :- किसी भी अज्ञात पेनड्राइव या सीडी को कम्प्यूटर में न लगाये इसमें भी वायरस होने की संभावना रहता है |

 

कम्प्यूटर को वायरस से कैसे बचाए ?(How to protect computer from virus?)

  • Unauthorized Websites को ना खोले ,
  •  एक अच्छा सा  Antivirus अपने कम्प्यूटर में इनस्टॉल जरुर करें |
  • जिस ईमेल के बारे में आप नहीं जानते है उसे ना खोले ,
  • इन्टरनेट से Downloaded प्रोग्राम या फाइल को एक बार स्कैन जरुर करें ,
  • Pendrive का उपयोग स्कैन करने के बाद है करें |
  • अपने कम्प्यूटर को समय-समय पर अपडेट जरुर करें |

computer virus kya h

एक कंप्यूटर वायरस एक प्रोग्राम या कोड का एक भाग है जो बिना मालिक के ज्ञान या प्राधिकरण के कंप्यूटर पर लोड किया जाता है।

एक होस्ट कंप्यूटर से दूसरे में फैलने के लिए डिज़ाइन किया गया, एक कंप्यूटर वायरस होस्ट कंप्यूटर पर एक दस्तावेज़ या सॉफ़्टवेयर से जुड़ जाता है और तब तक छिपा रहता है जब तक कि कोई उपयोगकर्ता फ़ाइल को नहीं खोलता।

जब कोई वायरस किसी कंप्यूटर पर कब्जा कर लेता है, तो वह अपने कोड को दोहराता है, अन्य सभी फाइलों को संक्रमित करता है, जैसे कि एक जैविक वायरस अपने स्वयं के DNA की नकल करता है।

डिवाइस पर और कई सॉफ़्टवेयर के भीतर दोहराने की इसकी क्षमता के कारण , उपयोगकर्ता द्वारा वायरस को दूसरे कंप्यूटर में स्थानांतरित किए बिना इसे स्थानांतरित करने का जोखिम बहुत अधिक है।

अधिकांश दुर्भावनापूर्ण वायरसों को गोपनीय डेटा की चोरी करने, पेशेवर या व्यक्तिगत कारणों से किसी व्यक्ति के कंप्यूटर पर नियंत्रण करने, या केवल उपयोगकर्ता के कंप्यूटर नेटवर्क को अवरुद्ध करने के उद्देश्य से, कंप्यूटर नेटवर्क को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया जाता जाता है ।

निष्कर्ष :-

मित्रों आज आपने सिखा कम्प्यूटर वायरस क्या है ? (What is computer virus ?) ,कम्प्यूटर वायरस का इतिहास क्या है ?(What is the history of the computer virus ?) और भी कम्प्यूटर वायरस (Computer Virus ) से जूरी जानकारी के बारे में मित्रों अगर आपको यह लेख अच्छा लगता है तो आप इस लेख को अपने मित्रों में शेयर जरुर करें अगर कोई सुझाव या समस्या है तो आप हमें कमेंट कर सकते है |

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