कम्प्यूटर क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है?(Computer Kya Hai)

DEEPCHAND KUMAR
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  • लेख का उद्देश्य :- आपलोगों को कम्प्यूटर के बारे में अधिक कुशल और प्रभावी कम्प्यूटर उपयोगकर्ता बनने में मदद करना |
  • लेख का भाषा :- हिन्दी |
  • पाठ्यक्रम का प्रकार :- सभी लोग जो कम्प्यूटर के बारें में जानने के लिए इक्षुक है |

इस लेख को काफी बड़ा लिखा गया है ताकि कम्प्यूटर से जुड़े जितने भी सवाल है वह सभी सवाल का जवाब आपलोगों को एक जगह पर मिल सके इस लेख को मेने आपलोगों के लिए इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में अत्यधिक कुशल जानकारी हो इस उद्देश्य से बनाया है |आज आपलोग इस लेख में कम्प्यूटर से सम्बंधित किन-किन चीजों के बारें में जानेंगे उसपर चर्चा करते है |


इस लेख में आपलोग कम्प्यूटर क्या है ?, कम्प्यूटर का इतिहास क्या है ?, कम्प्यूटर का उपयोग क्यों किया जाता है ?,कम्प्यूटर कितने प्रकार के होते है ?, कम्प्यूटर का वर्गीकरण किस आधार पर किया गया है ? इसका उपयोग कहाँ किया जाता है ? और इसके लाभ और हानि को भी जानेंगे |

कम्प्यूटर क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है?(Computer Kya Hai)


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कम्प्यूटर क्या है ? (Computer kya hai ?)

कम्प्यूटर का कहानी अबेकस नामक गणना यंत्र से शरू हुआ आधुनिक कम्प्यूटर हजारों वर्षो के विचार और मंथन का परिणाम है | प्रारंभिक समय में कम्प्यूटर को गणना करने के उद्देश्य विकशित किया गया था लेकिन अभी के समय में कम्प्यूटर से बहुत सारें कार्य किये जाते है | इसके बारें में जितना कहें कम ही होगा |
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक्स मशीन है जो निर्देशों के सूची के आधार पर डेटा में हेरफेर कर उपयोगकर्ता को गणनाएँ इत्यादि करने में सहायता प्रदान करता है |

 
आगे आपलोग जानेंगे की कम्प्यूटर और कौन-कौन से कार्य कर सकते है | कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए इनपुट डेटा को प्रोसेसिंग कर उपयोगी जानकारी को आउटपुट के रूप में प्रदान करने का कार्य करता है | कम्प्यूटर एक स्वाचालित मशीन है लेकिन यह उपयोगकर्ता के ऊपर निर्भर होता है |
कम्प्यूटर शब्द का उत्पत्ति ग्रीक शब्द कम्प्युट (Compute) से हुआ जिसका अर्थ ‘ गणना करना ‘ होता है | कम्प्यूटर को हिन्दी में ‘ संगणक ‘ कहा जाता है | 

कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है?(What is the full form of computer?)

C-Common 
O-Operating 
M-Machine 
P-Purposely 
U-Used for 
T-Technological and 
E-Educational 
R-Research

कम्प्यूटर का इतिहास -Computer Ka Itihas

जिस समय कम्प्यूटर का निर्माण नहीं हुआ था उस समय मनुष्य गिनती या किसी भी प्रकार की जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए पत्थर, छड़ी, या हड्डी का इस्तेमाल किया करते थे |
 
समय के साथ जैसे-जैसे मानव बुद्धि का विकाश हुआ उन्होंने अपने काम को आसान बनाने के लिए नए-नए खोज शरू किए जिनमे से कम्प्यूटर भी एक महान खोज है |

 
कम्प्यूटर का इतिहास 3000 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है |  क्या आप सभी लोग जानते है की एक साधारण सा गणना करने वाला यंत्र से लेकर आधुनिक युग के अनेको विशेषता वाले कम्प्यूटर का सफ़र कैसे तय हुआ है | 
यह जानकारी बेहद ही रोचक है | इस लेख का उद्देश्य है की आप सभी को कम्प्यूटर के बारें में शरू से सरल शब्दों में जानकारी दे जिससे आप कम्प्यूटर को आसानी से समझ पाएंगे | चलिए कम्प्यूटर के इतिहास को जानते है |                                  

अबेकस (Abacus) :-

अबेकस का आविष्कार लगभग 3000 वर्ष पूर्व हुआ था यह पहला यांत्रिक उपकरण(Mechanical device) था जो सिर्फ सरल अंकगणितीय गणनाएँ जोड़ या घटाव करने के लिए सक्षम था |
 
अबेकस मूल रूप से एक लकड़ी का आयताकार रैक है जिसमे धातु से बने छड़ लगा होता है | सभी छड़ो में मोतियाँ लगा होता है | अबेकस में अंकगणितीय गणना करने के लिए मोतियों को घुमाया जाता था |
ABACUS का फुल फॉर्म Abundant Beads Addition and Calculation Utility System होता है |

नेपियर्स बोन्स (Neapier's Bons ) :-

इसका अविष्कार 1617 ई० में  Scotland के रहने वाले  JOHN NAPIER के द्वारा किया गया था | जो की एक गणितज्ञ और भौतिक विज्ञानी थे | अबेकस के बाद यह दूसरा कम्प्यूटर था | इस कम्प्यूटर के बाद ही दशमलव प्रणाली का शुरवात हुआ |

स्लाइड रुल ( Slide Rule ) :-

विलियम ऑउट्रेड (William Oughtred) के द्वारा 1622 ई० में इसका आविष्कार किया गया था जो एक यांत्रिक एनालॉग कम्प्यूटर था | इसे हाथ से चलाया जाता था | जिसके सहायता से गुणन, विभाजन, घातांक, मूल, लघुगणक और त्रिकोणमिति जैसे गणितीय कार्यों को पूरा किया जा सकता था |

पास्कलाइन (Palcaline ) :-

इसका आविष्कार 1642 ई० में Blaize Pascal के द्वारा किया गया था जो की एक फ्रांसीसी गणितज्ञ और भौतिक विज्ञानी थे | यह एक यांत्रिक कैलकुलेटर (Mechanical Calculator) था जिसके सहायता से जोड़ तथा घटाव किया जाता था |

लेबनीज का यान्त्रिक कैलकुलेटर ( Mechnical Calculator Of Leibniz ) :-

इसका अविष्कार गाटफ्रीड विलहेल्म लाइबनिज (Gottfried Wilhelm Leibniz) ने किया था | जो एक जर्मनी के वैज्ञानिक और गणितज्ञ थे | उन्होंने 1673 ई० में पास्कल की ऐडिंग मशीन में सुधार किए जो जोड़, घटाव, गुणा, तथा भाग को करने में सक्षम था |

जेकाडर्स लूम ( Jacquard Loom ) :-

इसका आविष्कार 1801 ई० में Joseph Marie Jacquard के द्वारा किया गया था | जो गणना करने वाला मशीन नहीं था बल्कि कपड़ा बुनाई के लिए बनाया गया था | 


लेकिन यह आविष्कार कम्प्यूटर के विकाश में काफी ज्यादा भूमिका निभाया | इन्होंने विचार दिए की मशीन में जानकारी संग्रहित करने और पुनः प्राप्त किया जा सकता है | जो की आगे चल कर कम्प्यूटर के क्षेत्र में काफी प्रभावी सवित हुआ | इन्होंने इस मशीन में पंच कार्ड का इस्तेमाल किए थे |

डिफरेंस इंजन ( Difference Engine ) :-

आधुनिक कम्प्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज द्वारा डिफरेंस इंजन का अविष्कार  1822 ई० में किया गया था | यह एक मैकेनिकल कम्प्यूटर था जो भाप के माध्यम से चलता था | 

इस कम्प्यूटर को गणना के लिए स्वाचालित रूप से चलने के लिए बनाया गया था | यह लघुगणक, बहुपद और बीजीय जैसे विभिन्न गणितीय कार्यों की गणना करने में सक्षम था यह दशमलव के 20 अंको तक की संख्या में परिणाम देने में सक्षम था |

एनालिटिकल इंजन ( Analytical Engine ) :-

1834  ई० में आधुनिक कम्प्यूटर के जनक चार्ल्स बैबेज द्वारा पुनः एनालिटिकल इंजन का अविष्कार किया गया लेकिन यह मशीन कभी चालू नहीं हुआ | लेकिन इस मशीन के माध्यम से दिए गए विचार के कारण चार्ल्स बैबेज को कम्प्यूटर के जनक का उपाधि प्राप्त हुआ |


इसी कम्प्यूटर के सिद्धांत पर आधुनिक कम्प्यूटर कार्य करते है | एनालिटिकल कम्प्यूटर में इनपुट, आउटपुट,प्रोसेसिंग,स्टोरेज, जैसे सारी सुविधा था | 


जो की आधुनिक समय के कंप्यूटरों में उपयोग किया जाता है। इसी कारण उन्हें कंप्यूटर का जनक भी कहा जाता है। 
इस मशीन में पहले से संग्रहीत संख्याओं और निर्देशों को बदलने की सुविधा थी प्रोग्रामों को मशीन द्वारा पढ़े जाने के लिए पंच कार्डों में संग्रहित किया गया था | ऑगस्टा एडा लवलेस ने विश्लेषणात्मक मशीन में कार्यक्रमों को व्यवस्थित करने में चार्ल्स बैबेज की मदद की | इसलिए उन्हें प्रथम प्रोग्रामर भी कहा जाता है। यह एक मैकेनिकल कंप्यूटर था |

टैबुलेटिंग मशीन ( Tabulating Machine )

इसका आविष्कार हरमन होलेरिथ [HERMAN HOLLERITH (1860-1929)] के द्वारा किया गया था जो अमेरिकी  सांख्यिकीविद् और आविष्कारक थे | 

यह एक इलेक्ट्रोमैकेनिकल मशीन था | इस मशीन का इस्तेमाल अमेरिका में 1890 ई० में जनगणना में किया गया था | इसे पंच कार्ड में संग्रहित जानकारी को सारांशित (summarizing) करने में सहायता के लिए बनाया गया था |

मार्क-I  (Mark-I) :-

आईबीएम कम्पनी के इंजीनियरों की मदद से प्रो. हॉवर्ड ऐकेन [Prof. Howard Aiken (1900-1973)] मार्क-आई नामक एक कंप्यूटर का निर्माण किया। यह सेकंड में संख्या को गुणा कर सकता था जो यह पहला था जो मानव हस्तक्षेप की आवश्यकता के बिना स्वचालित रूप चल सकता था | 


लेकिन या बहुत बड़े आकार में बना हुआ था | 8 फीट ऊँचाई , 52 फीट लम्बाई और 3 फीट मोटाई था वजन लगभग 5 टन था यह 3 सेकंड में एक जोड़ 6 सेकंड में एक गुणा और 15 सेकंड में एक भाग की प्रक्रिया को सम्पन  कर सकता था |

एनिएक ( ' ENIAC ' Electronic Numerical Integer And Calculator ):-

यह पहला सामान्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर था जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान John Presper Eckert और  John W. Mauchl के द्वारा 1946 ई० में तैयार किया गया था | इस कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया गया था | 18000 वैक्यूम ट्यूब लगी हुई थी | जो एक सेकंड में 5000 से अधिक जोड़ और घटाव की प्रक्रिया को कर सकता था |

एडसैक ( ' EDSAC ' Electronic Delay Storage Automatic Calculator ) :-

इसको 1949 में ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में विकसित किया गया था 

एडवैक ( ' EDVAC ' Electonics Discretet Variable AUtomatic Computer  in hindi ):-

इस कम्प्यूटर का फुल फॉर्म Electronic Discrete Variable Automatic Computer है यह पहला कम्प्यूटर है जिसमे दशमलव संख्या के वजह बाइनरी नंबर सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था | इसका निर्माण मूर स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Moore School of Electrical Engineering) पेंसिल्वेनिया द्वारा 1944 में शरू किया गया था । इसको 1949 ई० में पूरी तरह से  तैयार कर बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला में पहुंचाया गया था |

यूनिवाक ( ' UNIVAC ' Universal Automatic Computer in hindi ) :-

यह सामान्य तौर से उपयोग किया जाने वाला पहला इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर था | इस कम्प्यूटर को जॉन प्रेस्पर ऐकर्ट (John Presper Eckert) और जॉन मौचली (Jr John Mauchly) के द्वारा  1951 ई० में बनाया गया था |
इस कम्प्यूटर में इनपुट और आउटपुट के लिए मैगनेटिक टेप का प्रयोग किया जाता था |


इसमें अंको तथा शब्दों दोनों तरह के डेटा को संसाधित किया जाता था | यह विश्व का पहला व्यावसायिक कंप्यूटर था | इसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बनाया गया था | इसका पूरा नाम (Full Form) Universal Automatic Computer है | इसका अविष्कार अमेरिका (USA) में किया गया था |

कम्प्यूटर की पीढ़ियां हिंदी में (Generations of computer in hindi)

कम्प्यूटर ने एक प्रमुख उपकरण के रूप में वैज्ञानिक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया जिसके कारण अगल-अलग देशों के वैज्ञानिक इसके विकाश और निर्माण में लग गए सभी ने अपने नए-नए कंप्यूटर के मॉडल को विकशित किये 


और जब कभी भी कम्प्यूटर के क्षेत्र में कम्प्यूटर के मौलिक रूप में बड़ा बदलाव लाया है | 
उसी बड़े बदलाव को कम्प्यूटर जनरेशन नाम दिया गया जनरेशन के आधार पर कम्प्यूटर का वर्गीकरण पाँच भागों में किया गया है  जो निम्नलिखित है |


कंप्यूटर की पहला पीढ़ी (First Generation Of Computer)

वर्ष 1940 से लेकर वर्ष 1956 ई० तक कम्प्यूटर की प्रथम पीढ़ी को संदर्भित (Referred To) करता है | इसके विशेषता और कमियाँ निम्नलिखित प्रकार से दिया गया है |

  • प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर में सर्किटरी के रूप में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता था |
  • मैमोरी के लिए मेग्नटिक ड्रम का उपयोग किया गया था |
  • आकर में बहुत बड़ा होता था |
  • इसको हमेशा AC वाले रूम की आवश्यकता होता था |
  • काफी मात्रा में गर्मी उत्पन्न करता था |
  • इसके गणना पर भरोषा किया जा सकता था |
  • बहुत ज्यादा बिजली की खपत करता था |
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में मशीनी भाषा (0,1) का इस्तेमाल किया गया था |
  • इसमें बैच ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया था |
  • आउटपुट को प्रिंटआउट के रूप में प्रदर्शित किया जाता था |
  • प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर की शुरवात प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर ENIAC से शरू हुआ था |
  • ENIAC,UNIVAC,MARK-1 इत्यादि इस पीढ़ी के कम्प्यूटर के उदाहरण है |
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में त्रुटियों का पता लगाना काफी कठिन था |
  • गणना को मिलीसेकेंड में कर सकता था |

कंप्यूटर की दूसरा पीढ़ी पीढ़ी (Second Generation Of Computer )

वर्ष 1956 से लेकर 1963 तक कम्प्यूटर के दूसरी पीढ़ी को संदर्भित करता है | इस पीढ़ी के कम्प्यूटर के विशेषता और कमियाँ निम्नलिखित प्रकार से निचे दिए गए है |

  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में प्रोसेसर के तौर पर बहुत सारें ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया था | 
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया था जिसके कारण इस पीढ़ी के कम्प्यूटर का आकर उससे छोटा हो गया |
  • स्पीड काफी बढ़ गया था |
  • प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर के मुकाबले कम गर्मी उत्पन्न करता था |
  • कम्प्यूटर में सेकेंडरी मेमोरी के लिए मैग्नेटिक डिस्क, मैग्नेटिक टेप और मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग किया गया था |
  • मैमोरी की क्षमता 100 KB (1 KB=1024 Byte) तक थी।
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में FORTRAN, ALGOL और COBOL जैसी उच्च स्तरीय भाषाओं का प्रयोग शुरू हुआ
  • कंप्यूटर का व्यापक रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों के अलावा कई व्यावसायिक अनुप्रयोग में भी उपयोग किया जाने लगा |
  • इस पीढ़ी के दौरान प्रोग्रामर और सिस्टम विश्लेषक जैसे नए पेशे उजागर हुआ |
  • इस पीढ़ी के दौरान कंप्यूटर विज्ञान में शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू हुई |
  • ऑपरेटिंग सिस्टम की अवधारणा विकसित होने लगी।
  • AC वाले रूम का आवश्यकता इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में भी था |
  • प्रथम पीढ़ी के मुकाबले 10 गुणा छोटे आकर में आने लगा |
  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में कॉन्फ़िगर करना आसान था |
  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में बड़ा और तेज़ प्राथमिक एवं द्वितीयक भंडारण की सुविधा था |
  • गणना माइक्रोसैकेण्ड में हो जाता था |
  • एक ट्रांजिस्टर 40 वैक्यूम ट्यूब के बराबर था |
  • IBM 1401, IBM 1620, IBM 7090, IBM 7094, IBM 7094-I, IBM ,7094-II, CDC  1604,  CDC 3600, UNIVAC 1108 इत्यादि दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर के उदाहरण है |

तीसरी पीढ़ी का कंप्यूटर (Third Generation Computer)

वर्ष 1964 से 1971 ई० तक तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर का दौर रहा है इस पीढ़ी के कम्प्यूटर के विशेषता और कमियाँ निम्नलिखित है |

  • सीपीयू के आंतरिक संचालन के लिए ट्रांजिस्टर के बदले में आईसी (IC) का उपयोग किया गया था।
  • आईसी के उपयोग ने घटकों के बीच वायर्ड इंटरकनेक्शन को समाप्त कर दिया।
  • एक IC चिप में  लगभग 100 ट्रांजिस्टर लगे होते थे |
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में सेमीकंडक्टर से बने स्टोरेज का उपयोग किया गया । अब स्टोरेज की क्षमता 100 MB तक का हो गया था | 
  • इस पीढ़ी के अंतर्गत कैश मेमोरी की अवधारणा को भी शामिल किया गया था |
  • काफी छोटे आकर में कम्प्यूटर आने लगा |
  • लागत में बहुत कम हो गया था |
  • प्रथम और दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर की तुलना में विश्वसनीयता, दक्षता और गति में वृद्धि हुई।
  • डेटा बेस मैनेजमेंट सिस्टम का उदय हुआ |
  • व्यावसायिक अनुप्रयोग अब तेजी से स्वचालन की ओर बढ़ रहे थे।
  • मेनफ्रेम कम्प्यूटर इसी पीढ़ी में निर्माण किया गया था |
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर प्रति सेकंड 1 मिलियन निर्देश ले जाने में सक्षम थे।
  • मल्टीप्रोसेसिंग, टाइमशेयरिंग, मल्टीप्रोग्रामिंग इत्यादि नए सिस्टम का विकाश होने लगा था |
  • नेटवर्किंग की अवधारणा भी इसी कम्प्यूटर जनरेशन के दौरान विकसित हुई।
  • सीपीयू और मेमोरी दोनों के लिए कंप्यूटर चिप्स बनाए जाने लगे |
  • पहली और दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर से आकार में छोटा।
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में बड़ा और तेज़ प्राथमिक एवं द्वितीयक भंडारण विकशित किया गया |
  • एयरकंडीशनर की आवश्यकता अभी भी था |
  • व्यावसायिक अनुप्रयोगों के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाने लगा था |
  • COBOL और FORTAN जैसी उच्च स्तरीय भाषाओं में प्रोग्राम लिखें जाने लगा ।
  • IBM SYSTEM 360 , NCR395 , B6500 इत्यादि  इसके उदाहारण है |

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Fourth Generation Of Computer)

वर्ष 1971 से लेकर वर्त्तमान समय तक इस कम्प्यूटर का उपयोग सामान्य रूप से किया जा रहा है | इसके विशेषता और कमियाँ निम्नलिखित प्रकार से निचे दिए गए है |

  • अवधि: 1975-1989
  • इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर चिप का इस्तेमाल किया गया था |
  • माइक्रोप्रोसेसर चिप LSI & VLSI पर आधारित था | 
  • आकार में काफी छोटा कही भी ले आ जा सकते है |
  • काफी तीव्र प्रोसेसिंग गति |
  • आसान रख रखाव |
  • पिछली तीनों पीढ़ी के कंप्यूटर के मुकाबले बहुत विश्वसनीय है |
  • इसे सामान्य रूप से उपयोग में लाए जाने वाला कम्प्यूटर भी कहा जा सकता है जो हर घर में आज है |
  • कॉन्फ़िगर करना बहुत ही सरल होता है |
  • कंप्यूटर को एक साथ जोड़ने के लिए नेटवर्क अवधारणा का उपयोग करना काफी सरल हो गया है |
  • अब के कम्प्यूटर में एयर कंडीशनर की कोई आवश्यकता नहीं होता है |
  • कीमत काफी कम होता है |
  • फाइबर ऑप्टिक्स नेटवर्क की मदद से ट्रांसमिशन गति और डेटा की मात्रा बढ़ गया जिससे ऑडियो और वीडियो के बड़े-बड़े फाइल के डेटा को नेटवर्किंग के माध्यम से भेजना संभव हो गया।
  • संचार प्रौद्योगिकी में प्रगति और इंटरनेट कंप्यूटर के आगमन हुआ इसके साथ-साथ जीवन जीने का तरीका बदल दिया बिजनेस करने का तरीका बदल गया है | डिजिटल की अवधारणा विकशित हुआ |
  • इस पीढ़ी के आने के बाद Personal Computer के रूप में उपयोग किया जाने लगा |
  • प्रोग्रामिंग करने का तरीका भी बदल गया है। अब प्रोग्रामिंग उच्च स्तर के भाषा में किया जाता है जैसे की-C, C++, OBJECT-ORIENTED,इत्यादि |

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी (Fifth Generation Of Computer)

वर्त्तमान और आगे भी AI के आने वाले समय कम्प्यूटर के पांचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर कहा जायेगा | इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ है |

  • पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटरों में अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन चिप्स का उपयोग होगा |
  • एक ही चिप पर लाखों ट्रांजिस्टर लगे होंगे |
  • गणना करने की गति लगभग 1 ट्रिलियन प्रति सेकंड और उससे भी अधिक हो सकती है |
  • मेमोरी का आकार 100 टेरा बाइट्स और उससे भी अधिक हो सकती है |(1 TB = 1024 GB )
  • विश्व के कई विकसित देश इससे जुड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं |
  • इन कंप्यूटरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होगा |
  • इन कंप्यूटरों में इंसानों जैसी बुद्धि होगी |
  • ज्ञान-आधारित समस्या समाधान कौशल होंगे |
  • इन प्रणालियों में इनपुट भाषण और ग्राफिक्स के माध्यम से हो सकता है। इसी प्रकार आउटपुट भी हो सकता है |
  • ये कंप्यूटर प्राकृतिक भाषाओं को समझ सकेंगे और रूपांतरित कर सकेंगे |
  • ये कंप्यूटर समय के साथ और अधिक बुद्धिमान हो जायेंगे क्योंकि इनमें स्वंय सिखने की क्षमता हो सकता है |
  • जेनेटिक प्रोग्रामिंग, बायोटेक्नोलॉजी, बायोचिप्स, इंसान जैसे रोबोट होंगे |
  • कंप्यूटर,मोबाइल फोन, हैंडहेल्ड डिवाइस जैसे घड़ियां आदि भी इस पीढ़ी का हिस्सा होंगे।
  • IA कंप्यूटर विज्ञान की एक विकशित रूप जो आगे चलकर मानव के तरह खुद सोच सकेंगे |
  • इस पीढ़ी में सभी उच्च-स्तरीय लैंग्वेज जैसे की C, C++, Java, .Net ,Python आदि का उपयोग किया जाता है। 

कम्प्यूटर के प्रकार - Types Of Computer 

कंप्यूटर कई प्रकार का होता है | चलिए इसके और अपने ध्यान को केन्द्रित करते है | जिससे कंप्यूटर को जानना बेहद ही आसान हो जाएगा कंप्यूटर को मुख्यतः तीन आधार पर वर्गीकृत किया गया जिसे आप सभी निचे देख रहे है |


  1. संसाधित डेटा के आधार पर (On The Basis Of Data Processed)
  2. आकार के आधार पर (On The Basis Of Size)
  3. उद्देश्य के आधार पर (On The Basis Of Purpose )

संसाधित डेटा के आधार पर कम्प्यूटर का प्रकार (Type Of Computer Based On Data Processed) :-

चलिए जानते है की कम्प्यूटर कितने तरह से डेटा को प्रोसेसिंग करता है | डेटा प्रोसेसिंग के आधार पर कम्प्यूटर को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया गया है | जिसे आप सभी निचे देख सकते है |

एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer):-

एनालॉग कंप्यूटर वैसे कम्प्यूटर होते है जो भौतिक राशियों (Physical Quantities) को  मापने के लिए उपयोग किया जाता है | जैसे की तापमान, लम्बाई ,चौड़ाई, स्पीड, भार, बल , इत्यादि जितने भी प्रकार के भौतिक मात्राएँ की मापन होता है | वहाँ पर एनालॉग कम्प्यूटर का इस्तेमाल होता है |
 
इस कम्प्यूटर में डेटा हमेशा परिवर्तनशील होता है जिससे इसके परिणाम पूरी तरह से सही नहीं माना जाता है | यह कम्प्यूटर गणना नहीं करता है बल्कि मापने (Measuring) का कार्य करता है |


एनालॉग कम्प्यूटर में एनालॉग शब्द का उत्पति ग्रीक भाषा के एना-लॉगऑन शब्द से हुआ है जिसका अर्थ "अनुपात के अनुसार " होता है | एनालॉग कम्प्यूटर का उदाहरण- ऑटो गसोलिन पम्प, थर्मामीटर,स्पीडोमीटर, सिसमोमीटर, वाल्टमीटर इत्यादि एनालॉग कम्प्यूटर के उदाहरण है |

All the images are of analog computer


डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer):-

डिजिटल कम्प्यूटर इलेक्ट्रॉनिक तकनीक को दर्शाता है जिसमे डेटा या जानकारी को उपयोगी बनाने लायक 0 तथा 1 से रूप में प्रोसेसिंग कर गणना (Calculation) किया जाता है डिजिटल कम्प्यूटर कहलाता है | डिजिटल कम्प्यूटर में किसी भी प्रकार के गणना के लिए चार चरण होते है | डेटा का इनपुट,डेटा का प्रोसेसिंग,डेटा का भण्डारण तथा डेटा का आउटपुट प्रदान करना | 

 
कम्प्यूटर के भाषा में 0 तथा 1 को बाइनरी नंबर सिस्टम कहा जाता है | जहाँ 0 का अर्थ होता है ऑफ तथा 1 का अर्थ होता है ऑन |

Digital Computer is an electronics device that process data using binary number(0,1) perform data calculation and manage data.
All digital computer images mobile-laptop and desktop computer



उदाहरण-मोबाइल फ़ोन,टैबलेट,लैपटॉप,डेस्कटॉप इत्यादि डिजिटल कंप्यूटर का उदाहरण है | इसका उपयोग छोटे दुकान से लेकर बड़े बिज़नेस इत्यादि जगहों पर किया जाता है | पहला प्रमाणिक डिजिटल कंप्यूटर 1946 ई० में प्राप्त हुआ |


हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer):-

हाइब्रिड कम्प्यूटर वैसा कम्प्यूटर होता है | जिसमे एनालॉग कंप्यूटर तथा डिजिटल कम्प्यूटर दोनों का गुण पाया जाता है | हाइब्रिड कम्प्यूटर कहलाता है | इस प्रकार के कम्प्यूटर का उपयोग अधिकतर मेडिकल के क्षेत्र में होता है | जैसे की DIALYSIS तथा ECG मशीन इत्यादि |


इस कम्प्यूटर में एनालॉग कम्प्यूटर मापने का कार्य करता है तथा डिजिटल कम्प्यूटर उस मापा गया मान को अंको में स्क्रीन पर दिखने का कार्य करता है | पेट्रोल पम्प पर भी इस कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है |


In this photo you are shown a hybrid computer. Which is an ultrasound machine. It is a combination of both digital and analog computers.
In this photo you are shown a hybrid computer. Which is an ultrasound machine. It is a combination of both digital and analog computers.


आकार के आधार पर (On The Basis Of Size):-

  1. माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
  2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
  3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
  4. सुपर कंप्यूटर (Super Computer)

माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) :-

आकार के आधार पर कम्प्यूटर में सबसे छोटा कम्प्यूटर माइक्रो कम्प्यूटर होता है | इसके नाम से ही अर्थ स्पष्ट होता है | इस कम्प्यूटर को व्यक्तिगत रूप से एक सामान्य व्यक्ति भी उपयोग में ला सकते है इसका आकार एक हाथ में पहनने वाला घड़ी से भी छोटा हो सकता है | 
इस कम्प्यूटर में एक माइक्रो प्रोसेसर लगा होता है | इस कम्प्यूटर से सिर्फ एक उपयोगकर्ता एक समय में कार्य कर सकते है |
इस कम्प्यूटर को 1970 के दसक में प्रस्तुत किया गया था | प्रथम माइक्रो कम्प्यूटर 8 बिट माइक्रोप्रोसेसर के साथ बनाया गया था | इस कम्प्यूटर को पर्सनल कम्प्यूटर भी कहा जाता है | लैपटॉप, मोबाइल, डेस्कटॉप, टैबलेट, माइक्रो कम्प्यूटर के उदाहरण है |


मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) :-

यह मीडियम आकार के कम्प्यूटर होते है | इसका कीमत तथा कार्य को करने की क्षमता माइक्रो कम्प्यूटर से अधिक होता है | इस कम्प्यूटर का इस्तेमाल माध्यमिक (Middle) स्तर की कंपनियाँ करता है |

 
इस कम्प्यूटर को एक से अधिक उपयोगकर्ता एक साथ उपयोग कर सकता है तथा एक साथ एक से अधिक कार्य कर सकते है | यह एक रेफ़्रिजरेटर  के आकार का होता है | इस कम्प्यूटर को 1960 के दशक में प्रस्तुत किया गया था | इस कम्प्यूटर में एक से अधिक प्रोसेसर लगे होते है |

मिनी कंप्यूटर के उदाहरण :-

  • IBM’s AS/400e,
  • Honeywell 200,
  • TI-990
  • Control Data’s CDC 160A And CDC 1700
  • Interdata 7/32 And 8/32
  • Apple Mac Mini
  • PRIME 9755
  • IBM SYSTEM 360

मिनी कंप्यूटर के उपयोग (Uses of Mini Computer in Hindi)

  • यातायात में आरक्षण प्रणाली का प्रबंधन करने में,
  • बैंकिंग के क्षेत्र में ,
  • बिज़नस  में Accounting के लिए किया जाता है |
  • डेटाबेस,इन्वेंटरी इत्यादि के प्रबंधन (Management) में किया जाता है |
  • वैज्ञानिक गणनाओं में, उपयोग मुख्य रूप से डेटाबेस, ग्राफिक्स, वर्ड प्रोसेसिंग आदि के प्रबंधन के लिए किया जाता है।


मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer):-

यह माइक्रो कम्प्यूटर तथा मिनी कम्प्यूटर से आकार में बड़ा होता है | एवं इसका कीमत तथा कार्य करने की क्षमता भी माइक्रो तथा मिनी कम्प्यूटर से अधिक होता है | इस कम्प्यूटर पर एक साथ 1000 से अधिक उपयोगकर्ता विभिन्न प्रकार के कार्य को कर सकते है |

 
इसका इस्तेमाल बड़ी कंपनियाँ ,बैंकों तथा सरकारी विभागों इत्यादि के द्वारा एक केंद्रीय कम्प्यूटर के रूप में किया जाता है |


एक से अधिक ऑपरेटिंग सिस्टम एक साथ चला सकते है |
इसका मुख्य उदाहरण है – IBM 4381,ICL 39,UNIVAC-1110, ………….. इत्यादि |

सुपर कंप्यूटर (Super Computer):-

सबसे तीव्र डेटा प्रोसेसिंग करने वाला तथा सबसे अधिक स्टोरेज क्षमता वाला कम्प्यूटर सुपर कम्प्यूटर कहलाता है | यह आकार में एक कमरा के बराबर तथा उससे बड़ा भी होता है | इस प्रकार के कम्प्यूटर का उपयोग दुनिया में सबसे बड़े कार्य को करने के लिए किया जाता है |

 
जहाँ पर अत्यधिक प्रोसेसिंग क्षमता तथा वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता होता है | वहाँ इसक उपयोग होता है | जैसे की – मौसम का पूर्वानुमान लगाने हेतु ,अन्तरिक्ष अनुसंधान में , वायुयान और ऑटोमोबाइल तथा वैज्ञानिक और तकनिकी क्षेत्र में रिसर्च तथा डिजाईन के लिए | 
  
इसका मुख्य उदाहरण है –CRAY-2,NEC-500,PARAM-10000,…………… इत्यादि |

उद्देश्य के आधार पर (On the Based of purpose )

  1. सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर (General Purpose Computer)
  2. विशिष्ठ उद्देश्य कम्प्यूटर (Special Purpose Computer)

सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर (General Purpose Computer)

व्यक्तिगत रूप से सामान्य तौर पर किए जाने वाला कार्य जैसे की-माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का कार्य, फोटो एडिटिंग ,इन्टरनेट का इस्तेमाल, एंटरटेनमेंट इत्यादि कार्य जो प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा रोजमर्रा के जीवन में कम्प्यूटर द्वारा संपन्न किए जाते उस तरह के कम्प्यूटर को सामान्य उद्देश्य वाला कम्प्यूटर कहा जाता है |

 
उदाहरण- लैपटॉप,डेस्कटॉप,मोबाइल,टैबलेट इत्यादि सामान्य उद्देशीय कम्प्यूटर है | दैनिक जीवन में एक सामान्य उपयोगकर्ताओं के द्वारा अनेको प्रकार के सामान्य कार्य को करने के लिए जिस कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है | सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर कहलाता है |

 
उदाहरण के तौर पर लैपटॉप कंप्यूटर , डेस्कटॉप कंप्यूटर , मोबाइल , नोटबुक , टेबलेट , ........... इत्यादि सामान्य उद्देश्य वाला कंप्यूटर का उदाहरण है | 
इसका उपयोग कई सामान्य कार्य को करने के लिए किया जाता है जैसे –


  • दस्तावेज़ तैयार करने के लिए ,
  • इन्टरनेट का इस्तेमाल करने के लिए ,
  • गेम खेलने के लिए ,
  • फोटो एडिटिंग करने के लिए ,
  • विडियो एडिटिंग करने के लिए ,
  • इमेल और सोशल मीडिया के द्वारा संवाद स्थापित करने के लिए ,
  • गाने सुनने के लिए ,
  • विडियो देखने के लिए ,
  • किसी भी के डेटा को भविष्य में उपयोग के लिए स्टोर कर के रखने के लिए ,
  • वेबसाइट डिजाईन करने के लिए इस तरह सामान्य उद्देश्य के कंप्यूटर के द्वारा कई कार्य किए जाते है |


विशिष्ठ उद्देश्य कम्प्यूटर (Special Purpose Computer)

विशिष्ट उद्देश्य के कम्प्यूटर को विशेष प्रकार के कार्य को करने के उद्देश्य से बनाया जाता है | इसका प्रोसेसिंग क्षमता भी कार्य के अनुसार होता है | 

इसका इस्तेमाल अन्तरिक्ष विज्ञान,युद्ध के क्षेत्र में, चिकित्सा के क्षेत्र में, यातायात के क्षेत्र में इत्यादि जितने भी विशेष उद्देश्य कार्य होता है उसमे इस तरह के कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है | चलिए इसके कुछ उदाहरण को देखते है जिससे इसके बारें में आसानी से समझ आ जाए इसके उदहारण निम्नलिखित है आप देख सकते है | इस तरह के काम जितने भी काम होते है वो सभी एक विशेष कार्य होते है | 


  • ATM Machines
  • Flight Control Systems
  • Smart Tvs
  • Scientific/Mathematical Calculators
  • GPS Systems
  • Handheld Devices
  • E-Book Readers
  • Digital Cameras
  • Automobile Onboard Computer
  • Automatic Transmission
  • CT Scanners
  • MRI Machines
  • Aircraft Autopilot
अभी तक आपलोगों में जाना है की कम्प्यूटर क्या है ?, कम्प्यूटर का इतिहास क्या रहा है ? तथा कम्प्यूटर कितने प्रकार के होते है | ये बताना बेहद जरुरी है | आगे हमलोग जानेंगे की कम्प्यूटर की क्या विशेषता है ?

कम्प्यूटर की विशेषताएँ - Computer Features In Hindi 

आधुनिक कम्प्यूटर के कई सारें विशेषताएँ है | चलिए जानते है की कम्प्यूटर के कौन-कौन सी विशेषताएँ है | 
  1. तेज गति (Fast Speed)
  2. बड़ी भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity)
  3. सटीकता / सत्यता / सही / शुद्धता (Accuracy)
  4. लचीलापन (Flexibility)
  5. विश्वासनियता (Reliability)
  6. एकरूपता (Consistency)
  7. पुनरावृति (No Redundancy)
  8. विभिन्नता / बहुमुखी प्रतिभा /बहुउद्देशीय  (Versatility)
  9. थकावट रहित / कर्मठता / परिश्रमशीलता (Diligence)
  10. सीमा (Limitation)
  11. पोर्टेबिलिटी (Portability)
  12. उपलब्धता (Availability)
  13. समवर्ती पहुँच (Concurrent Access)
  14. सुरक्षा (Security)
  15. पुनर्प्रयोग (Reusability)
  16. स्वचालित (Automation)
  17. कागजी काम में कमी (Reduction of paper work)
  18. याददास्त (Remembrance)
  19. कार्य की समानता (Uniform of work)
  20. स्फूर्ति / तत्परता (Agility)
  21. स्वतः पुनरावृति (Self Repeatation)

तेज गति (Fast Speed)

इससे यह तात्पर्य है की  कम्प्यूटर अविश्वसनीय रूप से तीव्रता से कार्य कर सकता है क्योकि यह एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है यही कारण है इसकी गति काफी तीव्र होता है | यह विद्युत् संकेतो के माध्यम से कार्य करता है इसका गति प्रकाश के गति से कम होता है |

 
आधुनिक कम्प्यूटर की गति को मिलीसेकंड, माइक्रोसेकंड, नैनोसेकंड, पिकोसेकंड आदि की इकाइयों में व्यक्त किया जाता है | एक कंप्यूटर प्रति सेकंड 3 मिलियन से 4 मिलियन एवं इससे भी अधिक गणितीय गणनाओं को कर सकता है |


बड़ी भंडारण क्षमता (Large Storage Capacity)

इससे यह तात्पर्य है की कम्प्यूटर में 1 KB से लेकर MB,GB,TB, जैसे बड़ी-बड़ी क्षमता वाला मैमोरी होता है | जिसमे लाखों ,करोरों के संख्या में डेटा को भविष्य में उपयोग के लिए संग्रहित करके रख सकते तथा जितनी बार चाहें उतनी बार उपयोग में ला सकते है | 

शुद्धता (Accuracy)

आधुनिक कम्प्यूटर में अगर डेटा का इनपुट सही दिया जायेगा तो आउटपुट भी पूरी तरह से सही प्राप्त होगा है | अगर किसी भी तरह की गलती होती है तो उसमे कही न कही उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए इनपुट डेटा के कारण लेकिन उस डेटा के अनुसार कम्प्यूटर सही आउटपुट ही प्रदान करेगा है |

लचीलापन (Flexibility)

इसका यह अर्थ है की कम्प्यूटर में अगर आपसे कार्य करते समय कुछ गलत हो जाता है आप उसमे पुनः सुधार कर सकते है | या आपको उस फाइल या फोल्डर में कुछ और जोड़ना चाहते है आप उसे आसानी से कर सकते है | 

विश्वासनियता (Reliability)

विश्वसनीयता से तात्पर्य है की कम्प्यूटर में किसी भी डेटा की जितना बार इनपुट दे वह हर बार सैम आउटपुट देगा वही अगर कोई इन्सान को किसी काम को करने दिया जाय तो वह कभी न कभी गलती जरुर कर देंगे |

 
लेकिन कम्प्यूटर हमेशा ही सही आउटपुट या परिणाम देगा अगर जानकारी में किसी भी तरह की गलती होता है तो उसमे उपयोगकर्ता की ही गलती होती है | इसलिए हम कम्प्यूटर पर भरोसा करते है |

एकरूपता (Consistency)

इसका अर्थ यह होता है कम्प्यूटर एक सामान्य रूप से कई दिन कई घंटे एक समान परिणाम प्रदान कर सकता है विना रुके बिना थके वो भी बिना किसी गलती के | 

पुनरावृति (No Redundancy)

इसका अर्थ यह है की एक ही तरह के डेटा को अगर गलती से कम्प्यूटर में किसी भी प्रकार से दोहराया जाता है तो कम्प्यूटर हमें तुरन्त सूचना देता है जिससे डुप्लीकेट डेटा की संग्रह को रोका जा सकता है |

एक ही डेटा जब बार- बार आता है तो उसे पुनरावृति कहते है कंप्यूटर हमें इसकी जानकारी देता है जिसे हम पुनरावृति डेटा की  रोकथाम कर सकते है |

बहुमुखी प्रतिभा /बहुउद्देशीय  (Versatility)

इसका अर्थ यह होता है की कम्प्यूटर अनेको कार्य को कुशलतापूर्वक करने में सक्षम है | मानव एक या दो कार्य में कुशल हो सकते है लेकिन कम्प्यूटर में ऐसा नहीं होता है यह कई तरह के कार्य को कर सकते है |

जैसे की – सरल गणनाओं को हल करने से लेकर कठिन से कठिन वैज्ञानिक समस्याओं को हल करने ,मनोरंजन के क्षेत्र में ,दूरसंचार के क्षेत्र में ,शिक्षा के क्षेत्र में आजकल हरेक स्थान पर कम्प्यूटर का इस्तेमाल सामान्य हो गया है | इस तरह अनेको विभागों में कम्प्यूटर कुशलतापूर्वक अनेको प्रकार के कार्य को कर सकता है |

थकावट रहित / कर्मठता / परिश्रमशीलता (Diligence)

मानव कई घंटे या कई दिन बिना रुके बिना थके काम नहीं कर सकता है | लेकिन कम्प्यूटर बिना रुके बिना थके कई घंटे कई दिन लगता कार्य कर सकता है | 

सीमा (Limitation)

सीमा से यह अर्थ है की कम्प्यूटर का अपना कोई भी बुद्धि नहीं होता है | यह अपने आप कोई भी निर्णय ले सकता है | यह उपयोगकर्ता के निर्देश के अनुसार ही काम करेगा |

पोर्टेबिलिटी (Portability)

पोर्टेबिलिटी से अभिप्राय होता है की हम कम्प्यूटर को कही भी ले आ जा सकते है | माइक्रो कम्प्यूटर के आने के बाद ये और भी आसान हो गया है | मोबाइल एक माइक्रो कम्प्यूटर है जिसे हम सभी लोग हमेशा अपने साथ कही भी ले जा सकते है |

उपलब्धता (Availability)

उपलब्धता का अर्थ यह होता है की कम्प्यूटर आज के समय में हर जगह उपलब्ध होता है | जैसे की स्कूल ,कॉलेज ,ऑफिस ,टिकट घर ,साइबर कैफ़े इत्यादि जगहों पर |

समवर्ती पहुँच (Concurrent Access)

इसका अर्थ यह है की अगर किसी एक डेटा को एक से अधिक उपयोगकर्ता एक्सेस करना चाहता है तो दोनों उपयोगकर्ता एक साथ उस डेटा को एक्सेस कर सकते है | यह सुविधा कंप्यूटर हमें देता है |

सुरक्षा (Security)

कम्प्यूटर में डेटा को सुरक्षित रखने के कम्प्यूटर हमें कई सारें सुरक्षा प्रदान करता है | जैसे की पासवर्ड ,फ़ायरवॉल इत्यादि | ये बात अलग है की वायरस अटैक का खतरा होता है | लेकिन इसका ये मतलब नहीं है की कम्प्यूटर डेटा को सुरक्षा  प्रदान नहीं करता है |

पुनःप्रयोग (Reusability)

पुनःप्रयोग का अर्थ यह है की कम्प्यूटर में किसी भी जानकारी को एक बार संग्रह कर देने के बाद आप उसे अनेको बार इस्तेमाल कर सकते कम्प्यूटर आपको मना नहीं कर सकता है |

स्वचालित (Automation)

एक बार कम्प्यूटर को आवश्यक डेटा और निर्देश दे देने के बाद कम्प्यूटर अपने आप जरुरी ऑपरेशन करके उस कार्य को पूरा कर सकता है | 

कागजी काम में कमी (Reduction of paper work)

जिस समय कम्प्यूटर नहीं था उस समय किसी भी जानकारी को सुरक्षित रखने या हिसाब इत्यादि के मोटे-मोटे डायरी रखा जाता था लेकिन जब से कम्प्यूटर आया है | उस समय से कागज कापी का हस्तक्षेप न के बराबर रह गया है |

याददास्त (Remembrance)

कम्प्यूटर में अगर किसी भी जानकारी को एक बार स्टोर कर दिया जाता है तो उसी जानकारी को कई साल तक बिना किसी परिवर्तन के पुनः उपयोग में लाया जा सकता है | मानव की याददास्त स्थाई नहीं होता है मानव किसी विशेष चीजों को ही हमेशा याद रख सकता है लेकिन कम्प्यूटर में ऐसा नहीं होता है |

कार्य की समानता (Uniform of work)

कम्प्यूटर किसी भी कार्य को एक ही नियम से सम्पन करता है | कम्प्यूटर के स्थान बदल देने से कम्प्यूटर के कार्य करने के तरीके में कोई भी बदलाव नहीं होता है | यह हर जगह सामान्य तरीके से कार्य करता है |

स्फूर्ति (Agility)

यह एक सामान्य गति और एक सामान्य स्फूर्ति से कार्य करता रहता है |

स्वपुनरावृत्ति (Self Repeatation)

कम्प्यूटर में स्वपुनरावृत्ति का सुविधा होता है | इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझने की कोशिश करते है | जैसे की आप किसी ब्राउज़र में किसी वर्ड को कई बार पूरा लिख कर टाइप करते है तो कम्प्यूटर उसे याद कर लेता है |

 उसके बाद अगर आप फिर से उसे वर्ड के एक से दो लेटर टाइप करेंगे तो ब्राउज़र अपने आप आपको उस शब्द का सुझाव दे देंगे | इसे प्रक्रिया को स्वपुनरावृत्ति कहा जाता है |

कंप्यूटर के फायदे (Advantage of Computer In Hindi)

कम्प्यूटर के जितने भी कमियाँ क्यों न हो उसके बावजूद भी कम्प्यूटर का इस्तेमाल करना हमलोग नहीं छोड़ सकते है | क्योकिं कम्प्यूटर हम सभी के जीवन का एक महत्वपूर्ण व आवश्यक हिस्सा बन चूका है कम्प्यूटर से कोई भी क्षेत्र अब अछुता नहीं रहा है | 

क्योकिं कम्प्यूटर में हमारें काम करने की गति को कई गुना बढ़ा दिया  है | आखिर हमलोग अपने दैनिक जीवन में कम्प्यूटर का उपयोग करते है तो इसके बारें में अच्छी तरह से जानना बेहद जरुरी है | चलिए जानते है की कम्प्यूटर के लाभ कौन-कौन से लाभ है |

संचार और सूचना की उपलब्धता-(Communication And Information Availability)

इन्टरनेट के आ जाने के बाद अब कम्प्यूटर से वास्तविक समय में सूचना का आदान-प्रदान करना व संवाद करना और भी आसान हो गया था अब दुनिया में किसी भी जगह बैठ कर एक दुसरे के साथ बात चित कर सकते है | अब कम्प्यूटर व इन्टरनेट के माध्यम से कोई भी सन्देश जिसे पहले के समय में डाकिया के द्वारा भेजा जाता था उसी सुचना को ई-मेल के सहायता से कुछ ही सेकंड में भेज सकते है | अब दुनिया के दुसरे कोने हो रहे किसी भी घटना के बारें में हम घर बैठे देख सकते है |

सुविधाजनक संसाधन साझाकरण-(Convenient Resource Sharing)

बड़ी कंपनियों के लिए काफी सुविधा जनक है बड़ी कंपनियों में किसी भी जानकारी को सभी लोगो तक पहुँचाना होता है | जो कम्प्यूटर व नेटवर्किंग के सहायता से आसान हो गया है जिस समय कम्प्यूटर नहीं हुआ करता था उस समय कंपनियों के दुसरे कर्मचारी तक जानकारी व किसी प्रकार के फाइल को पहुँचाने में अधिक संसाधनों की आवश्यकता पड़ती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है | अब वही सारें कार्य कम्प्यूटर आधारित हो गए है | सभी कम्प्यूटर आपस में वायर के माध्यम से कनेक्ट होते है जिससे आपस में सभी लोग कम्यूनिकेट कर सकते है |

फ़ाइल साझाकरण में आसानी-(Ease Of File Sharing)

अब कम्प्यूटर नेटवर्किंग के सहायता से किसी भी तरह के फाइल को साझा करने के लिए आसान पहुँच प्रदान करता है | 

अत्यधिक लचीला-(Highly Flexible)

कम्प्यूटर के माध्यम से उपयोगकर्ता अपने कार्य को प्रभावित किये बिना सॉफ्टवेयर ,इन्टरनेट ,इत्यादि आवश्यक चीजों के बारें में जानने का अवसर मिला | अब उपयोगकर्ता आवश्यक सुचना को आपस में प्राप्त कर सकते है तथा भेज सकते है |

महत्वपूर्ण शैक्षणिक उपकरण-(Important Educational Tool)

कम्प्यूटर एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक उपकरण भी है | इससे छात्रों को पढाई करने के हरेक सुविधा प्राप्त हुआ अब जो विद्यार्थी घर से बाहर जाकर पढने में असमर्थ था वह अब घर बैठे इन्टरनेट के माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकता है |

भंडारण उपकरण-(Storage Device)

अब कम्प्यूटर को जानकारी भण्डारण के रूप में भी उपयोग किया जाता है | इसके माध्यम से बड़ी मात्रा में अब कई संगठन अपने ग्राहक का रिकॉर्ड रखने के लिए कम्प्यूटर का उपयोग करते है जिसे –अस्पताल ,सरकारी कार्यालय ,बैंक इत्यादि |

मनोरंजन का साधन-(Source Of Entertainment)

कम्प्यूटर मनोरंजन का सबसे बड़ा श्रोत बन चूका है | अब किसी भी व्यक्ति को टीवी का इंतजार नहीं करना पड़ता है | अब मनचाहा न्यूज़ देख सकते है मूवी देख सकते तथा गाने भी सुन सकते है | और सबसे अच्छी बात यह है की कही भी बैठ कर देख सकते है |


  • कम्प्यूटर के अनगिनत लाभ के करना अब हरेक व्यक्ति के या कहे की हरेक घर का एक हिस्सा बन चूका है इसे एक सामान्य व्यक्ति भी चला सकते है |
  • उपयोगकर्ता अपने कार्य अनुसार सॉफ्टवेयर को कम्प्यूटर में इनस्टॉल कर सकते है | व अपने कार्य को कुशल ढंग से कर सकते है | जैसे की अगर किसी को लिखने का सौख है तो उसके लिए माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का इस्तेमाल कर सकते है |
  • काफी सारी बातें आपको कम्प्यूटर के विशेषता वाले भाग में देखने को भी मिलेगा बाकि बात यह है की कम्प्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन किसी भी वस्तु को ख़रीदा व बेचा जा सकता है |
  • कम्प्यूटर किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट को तैयार करने प्रूफरीड करने सेव करने प्रिंट करने तथा भविष्य में उपयोग हेतु भण्डारण क्षमता भी प्रदान करता है |
  • अब कोई भी व्यक्ति कम्प्यूटर के सहायता से वर्त्तमान चल रहे समाचार को पढ़ सकते है ,मौसम के स्थति को देखा सकते है ,छुट्टियों की योजना बना सकते है ,हौटल और यात्रा हेतु टिकट बुकिंग कर सकते है | किसी बीमारियों के बारें जानकारी एवं उसके उपचार के बारें में भी जानकारी प्राप्त कर सकते है | इस तरह से कम्प्यूटर के अनेकों लाभ है इसके लाभ के बारें में जितना जानकारी देंगे कम ही होगा |

कम्प्यूटर से हानियाँ - Disadvantage of Computer In Hindi

अगर आपलोग कम्प्यूटर के क्षेत्र में रूचि रखते है तो आप इस वेबसाइट को अभी बुक मार्क कर लें क्योंकि इस वेबसाइट पर कम्प्यूटर से सम्बन्धित जानकारी को सरल भाषा में समझाया जाता है | कम्प्यूटर शब्द अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है | इसके बारें में जितना जानेंगे उतना कम होता जायेगा | Computer kya hai ? के इस अध्याय में आप सभी लोग अब कम्प्यूटर के दुष्प्रभाव के बारें में जानने जा रहें है | जिसे जानना बेहद ही आवश्यक है |

स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएँ (Health Related Problems) :- 

कम्प्यूटर मॉनिटर से निकलने वाला विकिरण (Radiation) आखों के लिए नुकसान दायक होता है | आखों में दर्द होने लगता है तथा रौशनी भी जा सकती है | लम्बें समय तक कम्प्यूटर के सामने बैठ कर काम करने से कमर दर्द का भी समस्या हो जाता है | इसलिए काम करने के दौरान छोटा-छोटा ब्रैक जरुर लेना चाहिए |

अश्लीलता का प्रसार (Spread of Pornography) :-

आज के समय में कम्प्यूटर बच्चे से लेकर बड़े हर उम्र के व्यक्ति के पास उपलब्ध है | इन्टरनेट के माध्यम से कम्प्यूटर में लोग अश्लील विडियो तथा फोटो को आसानी से देख सकते है |  जिससे इन सभी चीजों का लत व्यक्ति को लग जाता है | कई लोगो का जीवन इससे बर्बाद हो जाता है | सरकार भी इसके रोकथाम पर काबू नहीं पा रहे है |

ऑनलाइन साइबर अपराध (Online Cyber Crimes) :-

साइबर अपराध का मतलब है की कम्प्यूटर हैकर बिना आपके  परमीशन के आपके कम्प्यूटर पर अधिकार बना लेता है | जिससे सामाजिक और आर्थिक नुकसान भी हो सकता है | इसके लिए हैकर कम्प्यूटर वायरस का इस्तेमाल करता है जो की एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम ही होता है | यह कई प्रकार के होते है |

डेटा और सूचना का उल्लंघन (Data and Information violation) :-

कम्प्यूटर में कई सारें सुरक्षा के बाबजूद भी कभी ना कभी डेटा क्षतिग्रस्त  का आशंका बना रहता है | वायरस से दूषित सॉफ्टवेर या जब कभी भी आप किसी वेबसाइट को खोलते है उससे भी आपके कम्प्यूटर में कम्प्यूटर वायरस आ सकते है | जिसका उपयोग करके हैकर आपके बैंक डिटेल ,पर्सनल फोटो ,फाइल इत्यादि जानकारी का गलत इस्तेमाल कर सकता है या आपको ब्लैक मेल भी कर सकता है | 

हिंसा और नफरत का प्रसार (Spread of Violence and Hatred) :-

इन्टरनेट के सहायता से कम्प्यूटर में कोई भी जानकारी सेकंड में लोगों तक पहुँच जाता है | ऐसे में हिंसा और नफरत का प्रचार-प्रसार भी काफी होता है | जिससे लोग बिना जाँच पड़ताल के भड़क जाते है | 

कंप्यूटर स्वयं कार्य नहीं कर सकता (The computer Can Not Work on Itself) :-

कम्प्यूटर कोई भी कार्य अपने आप से नहीं कर सकता है यह मानव पर निर्भर है इसे किसी व्यक्ति के द्वारा निर्देश देने एवं डेटा इनपुट करने की जरुरत होता है | जिसके बाद कार्य करता है |

पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव (Negative Effect on the Environment) :-

कम्प्यूटर विनिर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process) के दौरान काफी अपशिष्ट रसायन उत्पन्न होता है जो पर्यावरण और प्राकृतिक को प्रदूषित करता है | जिसका प्रभाव मानव जीवन पर भी पड़ता है |

नो बुद्धिलब्धि [NO IQ (Intelligence Quotient )] :-

कम्प्यूटर अपना निर्णय स्वयं नहीं ले सकता क्योकि उसके पास अपना कोई बुद्धि नहीं होता है | यह डेटा के अनुसार आउटपुट प्रदान करेगा गलत है तो गलत सही है तो सही |

जिसके करना वह किसी भी गलत जानकारी को खुद से सही नहीं कर सकता है | इसे हमेशा सही निर्देश और डेटा का इनपुट प्रदान करना पड़ता है | गलत इनपुट देने पर गलत जानकारी ही प्रदान करेगा |

निष्कर्ष :-

इस लेखा में आपलोगों में जाना की कम्प्यूटर क्या है ?, कम्प्यूटर के कितने प्रकार होते है ?,कम्प्यूटर की क्या विशेषता है ? ,कम्प्यूटर के क्या लाभ है ? कम्प्यूटर क्या हानियाँ है ? इस तरह से आपने कम्प्यूटर के बारें काफी सारी बातों को जाना समय-समय इस आर्टिकल को अपडेट किया जायेगा | 





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