कंप्यूटर क्या है ? (What is computer in hindi ?)

DEEPCHAND KUMAR
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मित्रों इस दुनिया में कंप्यूटर नाम का शब्द कौन नहीं सुना होगा | आजकल के समय में हर जगह कंप्यूटर के द्वारा काम किया जाता है |लेकिन मित्रों क्या आपको लगता है की नाम सुनने से आप कंप्यूटर के बारें में पूरी तरह से जान गए है |तो आप गलत है पर कोई बात नहीं अगर आप कंप्यूटर के बारें में अच्छे से जानना चाहते है |तो आप इस लेख को पूरा पढ़ें में इस लेख में आपलोगों को कंप्यूटर क्या है ? (What is computer in hindi ?) , (Full form of computer ) ,

(History of computer ) , कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया (Who invented the computer ?) कंप्यूटर से जुड़ी इत्यादि जानकारी के बारें में बताऊंगा |

कंप्यूटर क्या है ? (What is computer in hindi ?)

कंप्यूटर एक स्वचालित (Automatic) एवं उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए निर्देशों (Instructions) के समक्ष कार्य करने वाला एक इलेक्ट्रोनिक (Electronic) मशीन (Machine) होता है | 

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पूरा नाम कंप्यूटर का (Full form of computer )

Computer शब्द अंग्रजी के आठ अक्षर से मिलकर बना हुआ है |

C :-Commonly (आमतौर पर )

O :-Operated ( संचालित )

M :-Machine ( मशीन )

P :-Particularly ( विशेष रूप से )

U :-Used for ( के लिए  )

T :-Technical ( तकनीकी )

E :-Education and ( शिक्षा और )

R :-Research ( अनुसंधान )


कंप्यूटर क्या है  (What is computer in hindi )
कंप्यूटर क्या है  (What is computer in hindi )


कंप्यूटर का इतिहास (History of computer )

इसके आनें के बाद काम करने के तरीकें में बहुत बदलाव आया लेकिन यह बदलाव कैसे आया इसके विकाश का इतिहास( History Of Computer Evolution ) क्या है ? इसी के बारें में अब चर्चा करेंगे |

अबेकस ( Abacus ) :-

दुनिया का सबसे पहला गणना करने वाला यंत्र अबेकस में एक लकड़ी का फ्रेम होता है, जिस फ्रेम में 10 सीधे तार लगे होते हैं, प्रत्येक तार में 10 मोतियाँ लगे होते हैं| जिसमें उंगली का उपयोग करके मोतियों को एक तरफ से दूसरी तरफ ले जाया जा सकता है| और गणना की जाती है |

अबेकस अभी भी बच्चों द्वारा गिनती और गणना सीखने के लिए उपयोग किया जा रहा है | इसका अविष्कार 16 वी  शताब्दी के आस-पास हुआ था |

इतने प्राचीन अविष्कार होने के कारण ये बता पाना मुश्किल है की इसका अविष्कार किसने किया लेकिन कुछ विशेषज्ञ का मानना है की इसका अविष्कार ली काई चेन ने किया था जो चीन के निवासी थे |

नेपियर्स बोन्स (Neapier's Bons ) :-

इस यंत्र को जॉन नेपियर्स (एक गणितज्ञ और वैज्ञानिक ) ने 1617 ई०  गणना करने के लिए एक नया गणना उपकरण के रूप में  विकसित किया, उन्होंने इस उपकरण को बनाने के लिए सपाट छड़ और जानवरों की हड्डियों का इस्तेमाल किया, यही कारण है कि उनके गणना उपकरण को नेपियर्स बोन्स कहा जाता था। इसमें 10 आयातकर पाटियों पर 0 से 9 तक के अंक लिखें होते थे |

स्लाइड रुल ( Slide Rule ) :-

इसका अविष्कार विलियम आट्रेड (William Oughtred) ने 1620 ई० में किया था | इसमें दो विशेष प्रकार के आयताकार  चिन्हित पट्टी होती थी यह लघुगणक विधि के ऊपर आधारित था जो आसानी से गणना करने में सक्षम था |

पास्कलाइन (Palcaline ) :-

1642 ई०  में ब्लेज़ पास्कल ( एक फ्रांसीसी गणितज्ञ ) ने एक नई गणना करने वाली मशीन का आविष्कार किया पास्कल के पिता एक बहुत ही मेहनती व्यक्ति थे, वह एक कर संग्रह कार्यालय में कार्यरत थे काम का लोड ज्यादा होने के वजह से उनके पिता देर रात घर लौटते थे उन्हें पास्कल के साथ समय विताने के लिए समय नहीं मिलता था

पास्कल ने 19 वर्ष की उम्र में पिता के काम को आसान बनाने के लिए उनके लिए एक मशीनी कैलकुलेटर बनाया यह कैलकुलेटर जोड़ और घटाव करने में सक्षम था पास्कल कैलकुलेटर व्हील डिस्क और गियर से बना था पास्कल कैलकुलेटर को पास्कलाइन कहा जाता था |

या पिछले सभी यंत्र से तेज गणना करने में सक्षम था |यह पहला मैकेनिकल गणना मशीन था यह ओडोमीटर तथा घड़ी के सिद्धांत पर आधारित था |

लेबनीज का यान्त्रिक कैलकुलेटर ( Mechnical Calculator Of Leibniz ) :-

गॉटफ्राइड विल्हेम वॉन ने 1671 ई०  में एक नई गणना मशीन विकसित की जो पास्कल के कैलकुलेटर से बहुत बेहतर थी यह जोड़ और घटाव के अलावा गुणा और भाग भी कर सकती थी लीबनिज़ गणना मशीन सिलेंडर और ड्रम का उपयोग करके बनाई गई थी इसमें पहिये लगा होता था |

यह आवश्यक था कि इसका संचालक जानता था कि मशीन के पहियों को सही तरीके से कैसे घुमाना है किसी भी गलती से गलत परिणाम हो सकते हैं, गुणा या भाग के लिए गणना की गति अधिक नहीं थी लेकिन यह उस समय पर काफी  था।

जेकाॅडर्स लूम ( Jacquard Loom ) :-

जेकाॅडर्स लूम गणना मशीन नहीं थी यह मशीन कपड़ा बुनाई के लिए बनाया गया था लेकिन इसके आविष्कार ने कंप्यूटर के विकास में एक बड़ी भूमिका निभाई जेकाॅडर्स लूम का आविष्कार 1801 में जोसेफ मैरी द्वारा किया गया था |

जैक्वार्ड के करघे का उपयोग करघे को नियंत्रित करने और पैटर्न बनाने के लिए छिद्रित कार्ड के लिए किया गया था। और कपड़े पर डिजाइन पंच कार्ड का उपयोग करने वाला यह पहला करघा था |

डिफरेंस इंजन ( Difference Engine ) :-

1822 में चार्ल्स बैबेज ने डिफरेंस इंजन नामक एक विशाल कंप्यूटर का डिजाइन बनाया गया। इस इंजन में साफ्ट तथा गियर लगे रहते थे | यह मशीन भाप के द्वारा कार्य करता था | साथ ही साथ इस मशीन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के बीजगणितय फलनों का मान दशमलव के 20 अंको तक शुद्धता के साथ प्राप्त किया जा सकता था |

एनालिटिकल इंजन ( Analytical Engine ) :-

चार्ल्स बैबेज ने डिफरेंशियल इंजन के डिजाइन में बहुत सुधार किया और बहुत सुधारित मशीन के साथ बाहर आया इस मशीन को  विश्लेषणात्मक इंजन कहा जाता था उसने इनपुट आउटपुट के लिए पंच कार्ड का उपयोग किया था |

इसका अविष्कार 1833 ई० में किया गया था | इस मशीन को आधुनिक कंप्यूटरों का प्रारूप माना जाता है | इसका प्रयोग गणितीय क्रियाओं को करने के लिए किया जाता था |

टैबुलेटिंग मशीन ( Tabulating Machine ):-

1880 ई० में हरमन होलेरिथ (Herman Hollerith ) ने एक यांत्रिक सारणीकरण मशीन विकसित की जो छिद्रित कार्डों से लाखों संख्याओं को तेजी से पढ़ सकती थी और उन पर गणना कर सकती थी इस मशीन का उपयोग करके डेटा को सारणीबद्ध करने के लिए अमेरिकी जनगणना विभाग में उनकी मशीन का पैरासिक रूप से उपयोग किया गया था

जिस काम में 10 साल लगते थे वह पूरा हो गया था। केवल तीन वर्षों में इस मशीन ने न केवल समय की बचत की बल्कि विभाग के लिए लगभग 5 मिलियन डॉलर की बचत भी की गणना करने के लिए पंच कार्ड का उपयोग करने के विचार से स्वचालित डेटा प्रोसेसिंग का युग शुरू हुआ यही कारण है

कि उन्हें आधुनिक डेटा के पिता के रूप में जाना जाता है। मशीन को बाहरी रूप से डेटा प्रदान करने का उनका विचार अभी भी जीवित है और प्रत्येक कंप्यूटर में अलग-अलग तरीकों से उपयोग किया जा रहा है।

मार्क 1  (Mark 1 ) :-

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए का एक छात्र मार्क 1 नामक एक कंप्यूटर का अविष्कार किया उसका नाम हॉवर्ड ऐइकन था, वह उन्नत गणितीय भौतिकी की समस्याओं को हल करना चाहता था जिसे मैन्युअल रूप से हल करना मुश्किल था मार्क 1 को मूल रूप से स्वचालित अनुक्रम नियंत्रित कैलकुलेटर कहा जाता था |

लेकिन बाद में इसका नाम  मार्क 1 में बदल दिया गया था यह  इलेक्ट्रो मैकेनिकल और पूरी तरह से स्वचालित कंप्यूटर था इसे शुरू करने के लिए किसी भी मानव इनपुट की आवश्यकता नहीं थी |

यह आकार में बहुत बड़ा था यह 8 फीट ऊंचा 52 फीट लंबा और 3 फीट मोटा था इसका वजन लगभग 5 टन था यह 3 सेकंड में एक जोड़ 6 सेकंड में एक गुणा और 15 सेकंड में एक विभाजन की क्रिया को सम्पन कर देता था | इसका अविष्कार 1944 ई० में किया गया था | यह विश्व का पहला पूर्ण स्वचालित विद्युत् यान्त्रिक ( Electromechanical) गणना यंत्र था |

एनिएक ( ' ENIAC ' Electronic Numerical Integer And Calculator ):-

1942 के आसपास अध्यादेश विभाग ने पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर विकसित करने के लिए धन दिया वैज्ञानिकों ने एक सराहनीय कार्य किया और  एनिएक कंप्यूटर को विकशित किया |

यह पहला सामान्य उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था जिसे वैक्यूम ट्यूब का उपयोग करके बनाया गया था। यह एक सेकंड में 5000 से अधिक जोड़ और घटाव करने में सक्षम था और बहुत ही कम समय में बड़ी संख्या में जटिल गणितीय समस्या को हल करता था यह मशीन एक क्रांतिकारी मशीन थी

इसमें 18000 वैक्यूम ट्यूब लगी हुई थी यह पहला डिजिटल कंप्यूटर था जिसकी बहुत सराहना की गई थी एनियाक ने आधुनिक कंप्यूटर के लिए एक मजबूत नींव रखी जिसका हमलोग आज उपयोग करते हैं |

एडसैक ( ' EDSAC ' Electronic Delay Storage Automatic Calculator ) :-

1947 ई० में मौरिस विल्क्स के द्वारा इसका विकास किया गया यह दुनिया का पहला प्रोग्राम संग्रहित डिजिटल कंप्यूटर था | यह कंप्यूटर वर्ग के पहाड़ा का भी गणना कर सकता था | 

एडवैक ( ' EDVAC ' Electonics Discretet Variable AUtomatic Computer  in hindi ):-

इसका अविष्कार 1950 ई० जाॅन वॉन न्यूमैन ने किया था | इसका वजन 30 टन था तथा 150 फीट चोड़ा था यह छिद्रित कार्ड का उपयोग करके डेटा और निर्देश स्वीकार करता है |

यूनिवाक ( ' UNIVAC ' Universal Automatic Computer in hindi ) :-

इसका अविष्कार जॉन प्रेस्पर ऐकर्ट (John Presper Eckert) और जॉन मौचली (Jr John Mauchly) ने 1951 ई० में किया था | इसमें इनपुट और आउटपुट के लिए मैगनेटिक टेप का प्रयोग किया जाता था | इसमें संख्या और शब्द दोनों तरह के डेटा को संसाधित किया जाता था |

यह सामान्य उद्देश्य के प्रयोग में लाये जाने वाला पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था |

  • युनिवाक ( Univac ) विश्व का प्रथम व्यावसायिक कंप्यूटर था |
  • युनिवाक कंप्यूटर को द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बनाया गया था |
  • युनिवाक (UNIVAC) का पूरा नाम ( Full Form ) Universal Automatic Computer होता है |
  • इस कंप्यूटर को अमेरिका (USA) में बनाया गया था |

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कंप्यूटर की पीढियाँ (Generation of Computer ) :-

कंप्यूटर की पहली पहला पीढ़ी (first generation of computer ):-

इसका सफ़र 1940 से 1956 तक का रहा इस कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया गया था | इसमें मशीनी भाषा (0,1 ) का प्रयोग किया गया था | बहुत कीमती था ,बहुत ज्यादा गर्मी उत्पन करता था ,

विशाल आकर का होता था , AC की आवश्यकता होती थी ,बिजली की खपत ज्यादा होती थी , गति काफी कम था , बैच ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया जाता जाता था,इसमें स्टोरेज के लिए मेग्नटिक ड्रम का प्रयोग किया जाता था | जैसे - ENIAC,UNIVAC,MARK-1 इत्यादि |

कंप्यूटर की दूसरा पीढ़ी पीढ़ी (Second generation of computer ) :-

1956 से 1963 तक का इसका सफ़र रहा इसमें स्टोरेज के लिए मेग्नटिक कोर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था | इसमें वेक्यूम ट्यूब के स्थान पर ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया था | इसमें मल्टी बैग , रिमेनिंग ,टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग किया गया था |

पिछले पीढ़ी के कंप्यूटर के मकाबले यह अधिक तीव्र और विश्वसनीय था | इसके आकर और तापमान में पिछले कंप्यूटर के मुकाबले कमी आया | AC की आवश्यकता होती थी ,बहुत कीमती होती थी | इसमें एसेम्बली भाषा तथा अन्य उच्च स्तरीय भाषा का उपयोग किया गया था | जैसे -IBM 1620 , IBM 7094 , CDC 3600 , CDC 1600 , UNIVAC 1108 इत्यादि |

Third generation computer in hindi :-

1964 से 1971 तक इसक सफ़र रहा इसमें ट्रांजिस्टर के स्थान पर IC का प्रयोग किया गया था | स्टोरेज के लिए मेग्नटिक कोर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था | कम गर्मी उत्पन करता था बहुत छोटे आकर का होता था |

पहले कंप्यूटर के मुकाबले , कम बिजली का खपत करता था हाई लेवल लैंग्वेज को सपोर्ट करता था , AC की आवश्यकता होती थी , पिछले पीढी के कंप्यूटर के मुकाबले काफी फ़ास्ट होते थे जैसे - IBM SYSTEM 360 , NCR395 , B6500 इत्यादि |

Fourth generation of computer in hindi  :-

1971 से 1980 तक इस पीढ़ी के कंप्यूटर का सफ़र रहा | इसमें VLSI (Very large-scale integration) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था | बहुत सस्ते होते थे , पोर्टेबल और विश्वशनीय होते थे , इस पीढ़ी के आने के बाद PC ( Personal Computer ) का प्रयोग किया जाने लगा |

बहुत छोटी साइज़ होती थी इस्म्व AC की आवश्यकता नहीं होती थी |इसी पीढ़ी के आने के बाद इन्टरनेट का के क्षेत्र में क्रांति आई , यह कंप्यूटर  आसानी से उपलब्ध था|

इसमें स्टोरेज के लिए सेमीकंडक्टर मैमोरी विचेस्टर डिस्क का इस्तेमाल किया गया था | इसमें C, C+, C++, DBASE जैसे उच्च भाषा का प्रयोग किया गया था जैसे- STAR 1000, CRAY-X-MP(Super Computer), DEC 10, PDP 11, इत्यादि |

fifth generation of computer in hindi :-

पांचवी पीढ़ी की कंप्यूटर 1980 से वर्त्तमान समय तक चल रहा है | पांचवीं पीढ़ी में VLSI तकनीक को ULSI (अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) तकनीक में बदल दिया गया  जिसके परिणाम स्वरूप दस मिलियन इलेक्ट्रॉनिक घटकों वाले माइक्रोप्रोसेसर चिप्स का उत्पादन हुआ।

यह पीढ़ी समानांतर प्रोसेसिंग हार्डवेयर और IA (Artificial Inteliigence) सॉफ्टवेयर पर आधारित है। IA कंप्यूटर विज्ञान की एक उभरती हुई शाखा है, जो कंप्यूटर को इंसानों की तरह सोचने के तरीके और तरीके की व्याख्या करती है।

इस पीढ़ी में सभी उच्च-स्तरीय भाषाओं जैसे C, C++, Java, .Net आदि का उपयोग किया जाता है। यह सस्ती मूल्य पर उपलब्ध है इस पीढ़ी के कंप्यूटर है - डेस्कटॉप ,लैपटॉप नोटबुक इत्यादि |

कंप्यूटर सिस्टम की कार्यप्रणाली (Functioning of a computer system) :-

1. डेटा इनपुट ( Data Input ):-

प्रत्येक कंप्यूटर को डेटा इनपुट के साथ डिज़ाइन किया गया है यह एक प्रक्रिया है जिसे इनपुट डिवाइस के माध्यम से पूरा किया जाता है।डेटा प्रविष्टि मैन्युअल रूप से स्वचालित रूप से या दोनों में की जाती है। मैनुअल इनपुट कीबोर्ड, माउस जैसे ऐड-ऑन पेरिफेरल्स के माध्यम से किया जाता है।

इनपुट को शरीर के हावभाव बाह्य उपकरणों जैसे बायोमेट्रिक उपकरणों के माध्यम से भी पूरा किया जा सकता है। यह डेटा डेटाबेस, स्प्रेडशीट या कम्प्यूटरीकृत कार्य क्षेत्र के अन्य रूपों में दर्ज किया जा सकता है।

2. डाटा प्रोसेसिंग ( Data Processing ) :-

डाटा प्रोसेसिंग कंप्यूटर का मुख्य कार्य है। डेटा को सार्थक जानकारी में बदलने से पहले उसमें CPU के द्वारा प्रोसेसिंग किया जाता है आमतौर पर डेटा कच्चे रूप में होता है और इस प्रकार उपयोगकर्ता की उपयोग के लिए प्रसार से पहले प्रसंस्करण से गुजरना होता है ।

कंप्यूटर का  ' मस्तिष्क ' जहाँ डेटा संसाधित किया जाता है उसे माइक्रोप्रोसेसर कहा जाता है। माइक्रोप्रोसेसर के अलावा, डायनेमिक रैंडम एक्सेस मेमोरी (DRAM) और स्टैटिक रैंडम एक्सेस मेमोरी (SRAM) डेटा प्रोसेसिंग के अभिन्न अंग हैं।

इनपुट उपकरणों के माध्यम से दर्ज किया गया डेटा अस्थायी रूप से डीआरएएम में संग्रहीत किया जाता है फिर एसआरएएम में स्थानांतरित कर दिया जाता है जहाँ से माइक्रोप्रोसेसर इसमें प्रोसेस करता है। और उपयोगी सूचना प्रदान करता है |

3. सूचना आउटपुट ( Information Output ):-

जब माइक्रोप्रोसेसर उपयोगकर्ता के द्वारा दिए  डेटा को प्रोसेस करने के बाद जो परिणाम उद्देश्यों के लिए प्रसारित किया जाना है। उसे आउटपुट डेटा कहते है |इस प्रकार आउटपुट को सूचना के रूप में संदर्भित किया जाता है और यह कंप्यूटर उपयोगकर्ता के लिए महत्वपूर्ण सुचना होता है।

संसाधित डेटा या जानकारी निम्नलिखित प्रकार से देखा या सुना जा सकता है |

  • स्क्रीन हार्डवेयर के माध्यम से अल्फ़ान्यूमेरिक, चित्र और वीडियो के रूप में ,
  • स्पीकर के उपयोग द्वारा ऑडियो फाइलों के रूप में सुन सकते है |
  • कागज पर हार्ड कॉपी आउटपुट के रूप में मुद्रित ( Print ) कर देख सकते है | इत्यादि तरीके से संसाधित आउटपुट को देख या सुन सकते है |

4. डेटा और सूचना संग्रहण (Data and Information Storage):-

कंप्यूटर का चौथा महत्वपूर्ण कार्य डेटा और सूचना भंडारण है। उपयोगकर्ता चाहता है कि तैयार सुचना को भविष्य में प्रसार और अतिरिक्त संपादन के लिए संग्रहीत किया जाय | इसके लिए हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) या सॉलिड-स्टेट डिस्क ड्राइव (SSD) आंतरिक स्टोरेज डिवाइस हैं जिसमे डेटा को संग्रहण किया जाता है |और कंप्यूटर पर सभी डेटा और सूचनाओं को भविष्य के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है |

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कंप्यूटर के प्रकार (Types of computer) :-

क्षमताओं के आधार पर, कंप्यूटर के प्रकार

1)  एनालॉग कंप्यूटर (Analogue Computer) :-

एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग  गति (Speed ), तापमान (Temperature), दबाव (Pressure) और करंट (Current) जैसे सटीक मानों को ज्ञात करने के लिए किया जाता है |

यह कंप्यूटर सीधे मापने वाले उपकरण से डेटा को संख्याओं और कोडों में परिवर्तित किए बिना सीधे स्वीकार करते हैं। वे भौतिक मात्रा में निरंतर परिवर्तन को मापते हैं | स्पीडोमीटर और पारा थर्मामीटर एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण हैं।

एनालॉग कंप्यूटर का लाभ (Advantage of Analogue computer)

  • यह वास्तविक समय के संचालन और एक ही समय में गणना और एनालॉग मशीन के क्रोध के भीतर सभी डेटा के निरंतर प्रतिनिधित्व की अनुमति देता है।
  • इस कंप्यूटर की एक अनिवार्य विशेषता यह है कि डिजिटल डेटा का प्रतिनिधित्व करने वाली मात्रा समय के साथ लगातार बदलती रहती है।
  • यह कंप्यूटर सामान्य डिजिटल कंप्यूटरों से भिन्न होते हैं, जो केवल संख्याओं या मात्राओं के साथ काम करते हैं।
  • एनालॉग कंप्यूटर ज्यादातर मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल मशीन होते हैं जो जोड़, गुणा, घटाव और भाग जैसे कार्य स्पीड के साथ कर सकते हैं।
  • इनका उपयोग आम तौर पर वास्तविक दुनिया की स्थितियों जैसे हवा, ध्वनि, गति, तापमान आदि की निगरानी के लिए किया जाता है।
  • यह कम समय के भीतर परिणामों को सरल या ग्राफिकल तरीके से दिखाते हैं। डिजिटल कंप्यूटर में रीयल-टाइम ट्रांसफॉर्मेशन के लिए जटिल प्रोग्रामिंग और ग्राफिकल प्रोग्राम की आवश्यकता होती है, लेकिन एनालॉग कंप्यूटर में ऐसा नहीं करना होता है |

2) डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer):-

तेज गति पर गणना और तार्किक संचालन को करने के लिए डिजिटल कंप्यूटर को बनाया गया है | यह कच्चे डेटा को  बाइनरी नंबर (0 और 1) के रूप में इनपुट के रूप में स्वीकार करता है और आउटपुट का प्रदान करने के लिए इसकी मेमोरी में संग्रहीत प्रोग्राम के साथ इसे प्रोसेस करता है। सभी आधुनिक कंप्यूटर जैसे लैपटॉप, डेस्कटॉप, मोबाइल आदि |

डिजिटल कंप्यूटर के लाभ(Advantages of Digital Computer):-

  • ज्यादा से ज्यादा डेटा को भण्डारित कर सकता है | तथा उसे आसानी से पुनः प्राप्त किया जा सकता है |
  • IC प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण हार्डवेयर में कम लागत लगता  है।

3)हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer):-

हाइब्रिड कंप्यूटर को एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर सम्मलित रूप कहा जाता है | यह एक एनालॉग कंप्यूटर की तरह फ़ास्ट है और इसमें डिजिटल कंप्यूटर की तरह इसमें स्टोरेज क्षमता है |

इसलिए इसका व्यापक रूप से विशेष अनुप्रयोगों में उपयोग किया जाता है जहाँ  एनालॉग और डिजिटल डेटा दोनों को संसाधित किया जाता है। उदाहरण के लिए, पेट्रोल पंपों में एक प्रोसेसर का उपयोग किया जाता है |

इसका  उपयोग हवाई जहाज, अस्पतालों और वैज्ञानिक अनुप्रयोगों में किया जाता है।

हाइब्रिड कंप्यूटर के लाभ (Advantages of Hybrid Computers in hindi ) :-

  • ऑनलाइन डाटा प्रोसेसिंग में मदद करता है।
  • एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर दोनों का गुण सम्मलित होता है  |
  • यह एनालॉग की सत्यता लेता है लेकिन डिजिटल कंप्यूटर की तेज गति।

आकार के आधार पर कंप्यूटर प्रकार 

1) सुपरकंप्यूटर(Supercomputer):-

सबसे बड़े और सबसे तेज कंप्यूटर हैं। इसे बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित (processed) करने के लिए बनाया गया है | एक सुपर कंप्यूटर एक सेकंड में खरबों निर्देशों को संसाधित(processed) कर सकता है।

विशेष रूप से वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग अनुप्रयोगों जैसे-मौसम पूर्वानुमान, वैज्ञानिक सिमुलेशन और परमाणु ऊर्जा अनुसंधान में उपयोग किए जाते हैं। पहला सुपर कंप्यूटर 1976 में रोजर क्रे द्वारा बनाया किया गया था।

सुपर कंप्यूटर का लाभ (Advantage of supercomputer) :-

  • परमाणु हथियारों के आभासी परीक्षण ,महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षणों इत्यादि बड़े -बड़े कामो में इसका उपयोग किया जाता है |
  • यह जलवायु पैटर्न का अध्ययन और मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान लगा सकता है।
  • यह पायलटों के प्रशिक्षण के लिए शुरुआती स्तर पर उड़ान सिमुलेटर तैयार करने में मदद करता है |
  • शेयर बाजार और बिटकॉइन जैसी ऑनलाइन मुद्रा की दुनिया के प्रबंधन (Management) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • यह विभिन्न गंभीर बीमारियों के निदान आदि में सटीक परिणाम देने में मदद करता है।
  • सुपर कंप्यूटर का उपयोग करने वाली कंपनियां कार्यों के प्रबंधन में बहुत समय बचाती हैं। यह न केवल दक्षता में परिणाम देता है यह अंततः लंबे समय में लागत को कम करता है। और साथ ही, सुपरकंप्यूटर का उपयोग करके संगठनों को महंगे भौतिक मॉडल खरीदने की कोई आवश्यकता नहीं है।
  • कार्यों को संसाधित (processed) करने में  काफी कम समय लगता है।

2) मेनफ्रेम कंप्यूटर( Mainframe computer):-

मेनफ्रेम कंप्यूटर एक साथ सैकड़ों या हजारों उपयोगकर्ताओं का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। यह एक ही समय में कई कार्यों का समर्थन कर सकता है  हैं। इसका मतलब है कि वे एक साथ विभिन्न प्रक्रियाओं का निष्पादित कर सकता हैं। मेनफ्रेम कंप्यूटर बैंकिंग और दूरसंचार क्षेत्रों जैसे बड़े संगठनों को आदर्श बनाती हैं, जिन्हें उच्च मात्रा में डेटा का प्रबंधन और प्रसंस्करण करने की आवश्यकता होती है।इसके उदाहरण -CRAY-1,CDS-CYBER,IBM 4381,ICL39 इत्यादि मेनफ्रेम कंप्यूटर का उदाहरण है |

मेनफ्रेम कंप्यूटर का विशेषता ( Characteristic of mainframe computer):-  

  • बड़ी मात्रा में डेटा संसाधित कर सकता है | उदाहरण के लिए बैंकिंग क्षेत्र में एक सेकंड में लाखों का लेनदेन कर सकता है |
  • बड़े पैमाने पर मेमोरी प्रबंधन (Management ) के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन देता है |
  • यह अन्य प्रोसेसर और इनपुट/आउटपुट टर्मिनलों के बीच अपने कार्यभार को साझा या वितरित करने की क्षमता रखता है।
  • मेनफ्रेम कंप्यूटर में प्रोसेसिंग के दौरान त्रुटि या बग की संभावना कम होती है। यदि कोई त्रुटि होती है तो यह प्रदर्शन को प्रभावित किए बिना इसे जल्दी से ठीक कर सकता है।
  • इसमें संग्रहीत डेटा और अन्य चल रहे सूचनाओं और डेटा के आदान-प्रदान की सुरक्षा करने की क्षमता है।

मेनफ्रेम कंप्यूटर का चित्र

मेनफ्रेम कंप्यूटर का चित्र
मेनफ्रेम कंप्यूटर का चित्र

3) मिनीकंप्यूटर ( Mini Computer):-

यह एक मध्यम आकार का मल्टीप्रोसेसिंग कंप्यूटर है। इसमें दो या दो से अधिक उपयोगकर्ता एक या एक से अधिक कार्य कर सकते है | मिनी कंप्यूटर का उपयोग संस्थानों और विभागों में बिलिंग, अकाउंटिंग और इन्वेंट्री प्रबंधन जैसे कार्यों के लिए किया जाता है। एक मिनी कंप्यूटर मेनफ्रेम और माइक्रो कंप्यूटर के बीच स्थित होता है क्योंकि यह मेनफ्रेम से छोटा होता है लेकिन माइक्रो कंप्यूटर से बड़ा होता है।

 मिनी कंप्यूटर की विशेषताएं(Features of mini computer):-

  • हल्का वजन और इसे कहीं भी ले जाने और फिट करने में आसान बनाता है।
  • यह मेनफ्रेम कंप्यूटर से कम खर्चीला है।
  • अपने आकार की तुलना में काफी तेज होता है |
  • इसे नियंत्रित परिचालन वातावरण की आवश्यकता नहीं है।

4) वर्कस्टेशन (Workstation):-

वर्कस्टेशन एक एकल उपयोगकर्ता कंप्यूटर है जिसे तकनीकी या वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें तेज माइक्रोप्रोसेसर, बड़ी मात्रा में रैम और हाई स्पीड ग्राफिक एडेप्टर लगा होता हैं | यह आम तौर पर महान विशेषज्ञता के साथ एक विशिष्ट कार्य करता है यह विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे कि ग्राफिक्स वर्कस्टेशन, म्यूजिक वर्कस्टेशन और इंजीनियरिंग डिजाइन वर्कस्टेशन इत्यादि वर्कस्टेशन में एक साथ बहुत सारें उपयोगकर्ता कार्य कर सकते है |

वर्कस्टेशन कंप्यूटर की विशेषताएं(Features of Workstation Computers):-

  • यह एक उच्च प्रदर्शन वाला कंप्यूटर सिस्टम है जिसे व्यवसाय या व्यावसायिक उपयोग के लिए एकल उपयोगकर्ता के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • इसमें पर्सनल कंप्यूटर की तुलना में बड़ी स्टोरेज क्षमता, बेहतर ग्राफिक्स और अधिक शक्तिशाली सीपीयू लगा होता है |
  • यह एनीमेशन, डेटा विश्लेषण, ऑडियो और वीडियो निर्माण और संपादन को संभाल सकता है।
  • स्टोरेज के लिए HDD के स्थान पर SDD का इस्तेमाल किया जाता हैं |
  • कोई भी कंप्यूटर जिसमें निम्नलिखित पांच विशेषताएं हैं, उसे वर्कस्टेशन कहा जा सकता है या वर्कस्टेशन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • लैपटॉप या कंप्यूटर की तुलना में अधिक प्रोसेसर कोर होता हैं |
  • ऑप्टिमाइज्ड हायर एंड जीपीयू यह सीपीयू पर लोड को कम करता है। जैसे- स्क्रीन आउटपुट को प्रोसेस करते समय CPU को कम काम करना पड़ता है।

 5) माइक्रो कंप्यूटर (Microcomputer):-

माइक्रो कंप्यूटर को पर्सनल कंप्यूटर भी कहा जाता है | यह एक सामान्य-उद्देश्य वाला कंप्यूटर है जिसे विशेष कर   आम आदमी के लिए बनाया गया है | 

लैपटॉप ,डेस्कटॉप , टैबलेट , इत्यादि माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरण हैं।यह व्यक्तिगत काम के लिए उपयुक्त हैं जो फिल्म देखने , इन्टरनेट चलाने , कार्यालय के कार्य के लिए इत्यादि कार्यो के लिए है |

माइक्रो कंप्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Micro Computer ):-

  • यह सभी प्रकार के कंप्यूटरों से आकार में सबसे छोटा होता है |
  • सीमित संख्या में सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते है |
  • यह व्यक्तिगत काम और अनुप्रयोगों के लिए बनाया गया है। एक समय में केवल एक उपयोगकर्ता ही काम कर सकता है।
  • इसका उपयोग करने के लिए उपयोगकर्ता को विशेष कौशल या प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है।
  • यह मल्टीटास्किंग जैसे प्रिंटिंग, स्कैनिंग, ब्राउजिंग, वीडियो देखने आदि में सक्षम है।

कंप्यूटर की विशेषताएं (Features of computer)

स्पीड(Speed):-

एक कंप्यूटर गणितीय गणना करते समय मनुष्यों की तुलना में बहुत अधिक गति और सटीकता के साथ काम करता है। कंप्यूटर प्रति सेकंड लाखों (1,000,000) निर्देशों को संसाधित कर सकते हैं। 

शुद्धता(Accuracy):-

कठिन से कठिन कार्य को कंप्यूटर बिना किसी त्रुटी 100% सही के साथ गणना कर सकता है | डेटा असंगति या अशुद्धि के कारण त्रुटियाँ हो सकती हैं।

लगन (Devotion):-

एक कंप्यूटर एक ही स्थिरता और सटीकता के साथ लाखों कार्य या गणना कर सकता है। यह कोई थकान या एकाग्रता की कमी महसूस नहीं करता है। इसकी याददाश्त भी इसे इंसानों से बेहतर बनाती है।

बहुमुखी प्रतिभा (Multifaceted talent):-

बहुमुखी प्रतिभा एक कंप्यूटर की क्षमता को सटीकता और दक्षता के साथ विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए संदर्भित करती है।

विश्वसनीयता(Reliability):-

एक कंप्यूटर विश्वसनीय होता है क्योंकि हम किसी भी डेटा को कंप्यूटर में एक बार या एक लाख बार इनपुट करते है | तो भी  परिणाम सामान ही प्राप्त होता है |

स्वचालन(Automation):-

कंप्यूटर सभी कार्यों को स्वचालित रूप से कर सकता है | अर्थात यह मानवीय हस्तक्षेप के बिना कार्य कर सकता है | लेकिन निर्देश देने के लिए मानव का होना जरूरी है |

भण्डारण क्षमता (Storage capacity):-

कंप्यूटर में मेमोरी होती है जहाँ यह डेटा स्टोर करता है।इसमें अथाह आँकड़ो एवं प्रोग्रोमो को भंडार किया जा सकता है

कंप्यूटर का अनुप्रयोग (Application of computer):-

घर में (House):-
चिकित्सा क्षेत्र में (Medical field):-
मनोरंजन (Entertainment):-
उद्योग(Industry):-
शिक्षा क्षेत्र में (Education):-
सरकार विभाग में (Government):-
बैंकिंग के क्षेत्र में (Banking):-
व्यापार के क्षेत्र में (Business) :-
प्रशिक्षण(Training) :-
कला(Art) :-
विज्ञान और इंजीनियरिंग(Science and engineering):-

निष्कर्ष :-

इस पोस्ट के माध्यम से कंप्यूटर क्या है ? (What is computer in hindi ?) और इससे  सम्बंधित जितने भी प्रश्न है सभी का जवाब मिल गया होगा | पोस्ट अच्छा लगा हो तो फैमिली तथा फ्रेंड्स में इस पोस्ट को शेयर करना न भूले धन्यवाद |

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