सीबीसी टेस्ट क्या है? A to Z जानकारी-[CBC Test in hindi]

DEEPCHAND KUMAR
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CBC Test In Hindi के इस लेख में आज आपलोग जानेंगे की CBC टेस्ट क्या होता है? इस टेस्ट को क्यों किया जाता है? और कब किया जाता है? इस टेस्ट के अंतर्गत कितने पैरामीटर की जाँच किया जाता है |

इस टेस्ट से सम्बन्धित सारी जानकारी आपको मिलने वाला है | अगर आपको लगता है इस लेख में कुछ  कमी रह गई है तो आप हमें कमेंट में जरुर बताएँ ताकि में उसे सुधार सकूँ | 

Table Of Content(toc)

सीबीसी टेस्ट क्या है? A to Z जानकारी-[CBC Test in hindi]

CBC (Complete Blood Count) एक महत्वपूर्ण और सामान्य रूप से निर्धारित चिकित्सा परीक्षण है जिसमे मनुष्य की रक्त  का  जाँच किया जाता है | इस परीक्षण में रक्त संघटकों ,रक्ताणुओं और अन्य अत्तकों की संख्या ,आकार ,रंग ,संरचना की जाँच किया जाता है |

तथा इस जाँच में रक्त के कई प्रमुख घटकों की मात्रा का मापन एवं गणना किया जाता है | आइए इन सभी को बारीकी से समझते है | की इसके बढ़ने से क्या होता है? तथा इसके घटने से क्या होता है ?

सम्पूर्ण रक्त परिक्षण यानि की CBC की जाँच में मुख्य रूप से   RBC    (Red Blood Cell) ,WBC (White Blood Cell) तथा Platelets एवं इन तीनों से सम्बंधित अन्य संघटकों (Component) की माप तथा गणना किया जाता है |

इन तीनों के क्लीनिकल नाम भी हैं | आरबीसी (RBC) को एरोथ्रोसाइट्स (Erythrocytes), डब्ल्यूबीसी (WBC) को ल्यूकोसाइट्स (Leukocytes) और प्लेटलेट्स (Platelets) को थ्रोम्बोसाइट्स (Thrombocytes) कहा जाता है |

CBC Test in hindi के इस चित्र में RBC को दिखाया गया है ?


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लाल रक्त कोशिका  के घटक -[RBC or Erythrocytes]

  • HB (Haemoglobin)
  • PCV (Packed Cell Volume)
  • MCV (Mean Corpuscular Volume)
  • MCH (Mean Corpuscular Hb)
  • MCHC (Mean Corpuscular Hb Concentration)
  • RDW (Red Cell Distribution Width)

श्वेत रक्त कोशिका के घटक –[WBC or Leukocytes]

  • Neutrophils
  • Lymphocyte
  • Monocyte
  • Eosinophil
  • Basophils

प्लेटलेट्स के घटक -[Platelets]

  • MPV (Mean Platelets Volume)
  • PCT (Platelets Haematocrit)
  • PDW (Platelets Distribution Width)

RBC क्या है ?-[RBC in hindi]

RBC को Erythrocyte Count भी कहा जाता है | इसका फुल फॉर्म Red Blood Cell होता है ये रक्त को प्रभावित करने वाली स्वास्थ्य स्थितियों के परीक्षण में मददगार साबित हो सकती हैं।

उदाहरण के लिए यदि  किसी  व्यक्ति के  रक्त में लाल रक्त कोशिका (RBC) की गिनती का आंकड़ा ज्यादा है तो यह जन्मजात हृदय रोग (Congenital heart disease) या डीहायड्रेशन (Dehydration) जैसी स्थिति के कारण हो सकता है।

किसी व्यक्ति के  रक्त में लाल रक्त कोशिका की कमी का होना इस बात का संकेत देता है कि उस व्यक्ति को  एनीमिया, आंतरिक रक्तस्राव, गुर्दे की बीमारी या कुपोषण (जब किसी व्यक्ति के भोजन में उनके शरीर की माँगों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पोषक तत्व न हों) से ग्रसित हैं।

आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी का होना इस बात का भी संकेत देता है कि आपके शरीर में आयरन (Iron) या विटामिन B6, B12 या फोलेट की कमी है ।

रक्त में 45% लाल रक्त कोशिका, 1% सफेद रक्त कोशिका और प्लेटलेट्स और 55% प्लाज्मा होते हैं जो कि मुख्य रूप से हमारे शरीर को सुचारू रूप से चलने में मदद करता है।

 आपको यह जानकर काफी आश्चर्य होगा कि शरीर हर सेकंड लगभग 2 मिलियन तक लाल रक्त कोशिका को बनाता है।

अगर शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) में वृद्धि होती है तो पॉलीसिथेमिया (Polycythaemia) नामक बीमारी होती है | तथा RBC के कमी होने पर एनीमिया (Animia) नामक बीमारी होती है |

HB-[Hemoglobin meaning in hindi]

हीमोग्लोबिन एक महत्वपूर्ण प्रोटीन है जो हमारे रक्त में मौजूद होता है। यह रक्त को ऑक्सीजन और ऊर्जा पहुँचाने का महत्वपूर्ण कार्य करता है।

हीमोग्लोबिन के बिना शरीर को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलता है जिससे Cell को सही ढंग से काम करने में परेशानी हो सकती है। हीमोग्लोबिन शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है |

हीमोग्लोबिन एक प्रकार का लौह युक्त प्रोटीन है जो खून की लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) में पाया जाता है | एक RBC में लगभग 30 mg हीमोग्लोबिन पाया जाता है |

Hemoglobin Ki Kami Se Kya Hota Hai

हीमोग्लोबिन  की कमी के कारण कई सारें लक्षण आपको देखने को मिलेंगे लेकिन कुछ निम्नलिखित है |

  • सिर में दर्द
  • साँस का फूलना
  • चक्कर आना
  • घबराहट होना
  • कमजोरी होना
  • चिडचिडापन होना
  • थकान महसूस होना
  • ध्यान लगाने में कमी होना इत्यादि |

हीमोग्लोबिन कैसे बढाएं ?

  • चुकुन्दर,अनार,केला,गाजर,अमरुद,सेब,संतरा,टमाटर,का सेवन करें |
  • आंवला और जामुन का रस बराबर मात्रा में मिला का सेवन करें |
  • हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे की पालक आदि का सेवन करें |
  • सुखें मेवे खाएँ जैसे की काजू ,बादाम और किशमिश ,इत्यादि |
  • अंजीर खाएँ |
  • और अंकुरित अनाज खाने से भी हीमोग्लोबिन बढता है |

PCV(Packed Cell Volume):-

PCV यह बताता है है किसी शरीर में उपस्थित सम्पूर्ण रक्त में RBC का कितना प्रेसेंट भाग उपस्थित है | इसके पुरुषो में नार्मल रेंज 40 से 54 % होता है | 

तथा महिलाओं  में 38 से 47 प्रेसेंट | इसके बढ़ने से आरबीसी की मात्रा बढ़ जाती है तथा इसके घटने से आरबीसी की मात्रा घट जाती है |

MCV(Mean Corpuscular Volume):-

ऐमसीवी यह बताता है की आरबीसी का आयतन या उसका आकार कितना है | महिलाओं तथा पुरुषों में  इसकी मात्रा एक सामान्य होती है | 

इसका नार्मल रेंज 83 से लेकर 101 तक हो सकता है | यह रेंज थोरा बहुत लेब के अनुसार  कम-ज्यादा हो सकता है | इसे Femto Letter(fL) में मापा जाता है | इसके बढ़ने से को Macrocyte तथा इसके घटने को Microcyte कहा जाता है |

MCH(Mean Corpuscular Hb):-

इससे यह पता लगाया जाता है | है की हर एक RBC के ऊपर कितना प्रेसेंट हेमोग्लोबिन उपस्थित है | इसकी मात्रा बढ़ जाने पर RBC का आकार भी बढ़ जाता है | इसके बढ़ जाने को Macrocyte तथा इसके घटने को Microcyte Anaemia कहा जाता है |

इसकी मात्रा महिलाओं तथा पुरूषों के लिए एक समान होता है | इसकी मात्रा 27 से 33 पिकोग्राम्स(picograms) होता है | इसकी यूनिट pg होता है |

MCHC(Mean Corpuscular Hb Concentration) :-

MCHC एक सिंगल RBC में मौजूद हेमोग्लोबिन की औसत मात्रा का माप होता है | इसके मात्रा महिलाओं तथा परुषों के सामान्य होता है | 

इसकी सामान्य वैल्यू 32 से 36 g/dL होता है | इसके कमी से आयरन की कमी से होने वाला एनिमिया या फिर थैलेसीमिया होती है | तथा इसके बढ़ जाने पर Autoimmune Hemolytic Anemia नामक बीमारी होती है |

RDW(Red Cell Distribution Width):-

इसके सहायता से यह पता किया जाता है की RBC के आकार और संख्या में कितना परिवर्तन हुआ है | महिलाओं तथा परुषों में या सामान्य मात्रा में पाए जाते है | 

इसकी सामान्य मात्रा 11 से 14 प्रेसेंट होता है | इसके बढ़ जाने से RBC के आकार और संख्या में काफी परिवर्तन आ जाता है |

WBC क्या है ?-[WBC    in hindi]

TLC,WBC  का   दूसरा नाम है | WBC का पूरा नाम White Blood Cell होता है | हिन्दी में इसे सफ़ेद रक्त कोशिका कहते है | महिलाओं तथा परुषों में यह एक सामान मात्रा में पाया जाता है | इसकी सामान्य वैल्यू 4 हजार से लेकर 10 हजार तक होता है | इसका यूनिट thou/mm3 होता है |

इससे यह पता चलता है की शरीर में किसी प्रकार का इन्फेक्शन है की नहीं WBC के बढ़ जाने को Leucocytosis कहा जाता है | तथा इसके घट जाने को Leukopenia कहा जाता है |

WBC के कार्य :-

WBC के निम्नलिखित कार्य होते है |

संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है | यह रोगाणु तथा अन्य संक्रमण के लक्षण को पहचानता है  और उसके खिलाफ लड़ता है |

WBC शरीर के इम्यून सिस्टम को संचालित करने में मदद करती है | यह शरीर में एंटीबाडी बनाने तथा रोगाणुओं  के खिलाफ रक्षा को बढ़ाने और इम्यून रिस्पोंस को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है |

जब शरीर में कोई संक्रमण या रोगाणु प्रवेश करता है तो WBC संकेत देता है और इम्यून सिस्टम को सूचित करता है | की शरीर में कुछ गलत हो रहा है  या होने वाला है | जिससे शरीर उचित प्रतिक्रिया कर सकता है |

Differential Count Of WBC in hindi :-

Absolute Neutrophils Count in hindi

शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण होने पर Neutrophils की संख्या बढ़ जाती है | इसकी संख्या  महिलाओं तथा पुरुषो में सामान्य होती है | 

यह किसी भी व्यक्ति के शरीर में 2 हजार से लेकर 7 हजार तक होता है | इसका यूनिट होता है | thou/mm3 यह WBC का ही एक प्रकार है | सबसे ज्यादा मात्रा में पाए जाने वाला WBC कोशिका Neutrophils होता है |

शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण होने पर इसकी संख्या बढ़ जाती है | यह किसी भी स्पेसिफिक संक्रमण को नहीं दर्शाता है |

Neutrophils के बढ़ जाने को Neutrophilia कहा जाता है | तथा इसके घट जाने को Neutropenia कहा जाता है |

Absolute Lymphocyte Count in hindi

शरीर में किसी भी प्रकार के सुजन (Inflamation) होने पर Lymphocyte की संख्या बढ़ जाती है | Lymphocyte के बढ़ जाने को Lymphocytosis कहा जाता है | तथा इसके घट जाने को Lymphocytopenia कहा जाता है | 

महिलाओं तथा परुषों में यह सामान्य मात्रा में पाया जाता है | इसकी सामान्य वैल्यू 1 हजार से लेकर 3 हजार तक होता है | इसका यूनिट thou/mm3 होता है |

Absolute Monocyte Count in hindi

जब शरीर में किसी भी प्रकार के Autoimmune Disease होती है तो उस समय Monocyte Count बढ़ जाता है | इसके बढ़ जाने को Monocytosis कहा जाता है तथा इसके घट जाने को Monocytopenia कहा जाता है | 

महिलाओं तथा परुषों में इसकी संख्या सामान्य मात्रा में पाए जाते है | इसका सामान्य वैल्यू 200 से 1000 तक होता है | इसका यूनिट thou/mm3 होता है |

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प्लेटलेट्स क्या है?-[ Platelets Count In Hindi]

प्लेटलेट एक छोटा सेल होता है जो हमारे रक्त में मौजूद होता है। यह रक्त के थक्के बनाने और रक्तस्राव को नियंत्रित करने में मदद करता है।

जब हमारी शरीर में किसी स्थान पर चोट लगती है तो प्लेटलेट्स वहाँ एकत्र होते हैं और थक्कों को बनाने में मदद करते हैं। 

इससे रक्तस्राव रुकता है और चोट की जगह ठीक होने तक प्लेटलेट्स वहाँ मौजूद रहते हैं। प्लेटलेट्स बहुत महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे रक्तस्राव को संतुलित रखने में मदद करते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं।

  • प्लेटलेट केवल मनुष्य एवं अन्य स्तनधारियों (Mammal) के ब्लड में ही पाया जाता है |
  • प्लेटलेट Cell में केन्द्रक नहीं होता है केवल DNA होता है |
  • इसका जीवन काल 3 से 5 दिन का होता है | उसके बाद यह अपने आप ही नष्ट हो जाते है |
  • इसकी मृत्यु Spleen में होती है |

प्लेटलेट्स ज्यादा होने के लक्षण :-

प्लेटलेट्स के बढ़ जाने को Thrombocytosis कहा जाता है | इसके बढ़ने से आपको निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकता है |

  • Cancer (Lungs Cancer,Breast Cancer, Ovarian Cancer,)
  • IDA(Iron Deficiency Anemia)
  • Hemolytic Anemia
  • Reaction to Medicine
  • Absence Of Spleen

प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण

प्लेटलेट्स रक्तस्राव को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। कम प्लेटलेट्स की स्थिति में, रक्तस्राव की संभावना बढ़ जाती है, जिससे रक्तस्राव को रोकने में कठिनाई हो सकती है।

यह खून के निर्माण में समस्या पैदा करके अन्य रक्तस्रावीय रोगों का भी कारण बन सकती है।

प्लेटलेट्स की कमी के कारण, छोटी सी चोट के कारण ब्लीडिंग की संभावना बढ़ सकती है। इससे लाल दाग,ब्लीडिंग, नाक या मसूढ़ों से खून का आना, इत्यादि समस्या हो सकती है |

इसके कमी के कारण सिर दर्द , तेज बुखार , भूख की कमी , बदन दर्द , डायरिया , उलटी , थकान , आखों में दर्द , घुटनों का दर्द , सुस्ती ,शरीर में लाल धब्बे इत्यादि लक्षण देखने को मिलता है |

प्लेटलेट्स की कमी के कारण क्या होता है?

प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के कई कारण हो सकती हैं। यहाँ कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं|

  • नियमित और पूर्ण पोषण नहीं लेने , खाने-पीने में ध्यान नहीं देना , तत्वों और पोषक तत्वों की कमी के कारण प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।
  • कुछ रक्त रोग जैसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया, आइडिओपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनियापुर्पुरा, इट्यूपेनिया, मेगाकैरियोटिक आदि, प्लेटलेट्स की कमी का कारण बन सकते हैं।
  • यदि रक्तस्राव अधिक हो रहा हो जैसे बड़े घाव, गर्भाशय या अंतर्नालिका से खून का बहना, या पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं हो तो भी प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है।
  • कुछ दवाओं का सेवन प्लेटलेट्स की कमी का कारण बना सकता है जैसे एंटीकोगुलेंट औषधि, अंटीबायोटिक्स, केमोथेरेपी आदि।
  • डेंगू बुखार , एप्लास्टिक एनीमिया , विटामिन-12 की कमी , फोलेट की कमी , आयरन की कमी विषाणु संक्रमण इत्यादि होने पर भी इसकी संख्या कम हो जाती है |
  • किडनी या लिवर की संक्रमण में भी प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है |
  • बहुत अधिक शराब का सेवन करना , सिरोसिस , ल्यूकेमिया , माइलोडिसप्लासिया , कीमोथेरेपी , विकिरण या जहरीले रसायनों के संपर्क में आने से भी इसकी संख्या कम हो जाती है |

प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल

कुछ प्रमुख फल है जो प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है |

  • चुकंदर
  • पपीते का पत्ता का काढ़ा
  • आंवला
  • कीवी फल
  • गाजर
  • नारियल पानी
  • इस फल के अलावा बकरी का दूध भी इसकी संख्या को बढ़ाने में मदद करता है |

सीबीसी टेस्ट से क्या पता चलता है ?

सीबीसी की रिपोर्ट से बहुत सारी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है | कुछ बिमारियों के नाम निम्नलिखित दिए गए है |

  • अनेमिया (Anemia),
  • ऑटोएम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Disorders),
  • बोन मैरो डिसऑर्डर (Bone Marrow Disorders),
  • उल्टी-दस्त (Dehydration),
  • इंफेक्शन (Infections),
  • सुजन (Inflammation),
  • ल्यूकेमिया (Leukemia),
  • लिंफोमा (Lymphoma),
  • थलासेमिया (Thalassemia) और
  • कैंसर (cancer) इत्यादि बिमारियों का पता चलता है |

रक्त में कौन-कौन से पदार्थ पाए जाते है ?

  • लाल रक्त कोशिका
  • सफ़ेद रक्त कोशिका
  • प्लेटलेट
  • प्लाज्मा
  • रक्त में विभिन्न धातुओं के तत्व मौजूद होते हैं जैसे कि आयरन, कॉपर, फोस्फेट, आदि।

सीबीसी टेस्ट के अन्य नाम-[Other names of CBC Test in Hindi]

  • सीबीसी विथ डिफरेंशियल काउंट्स (CBC With Differential Counts)
  • हैमोग्राम (Haemogram)
  • खून की पूरी तस्वीर (Complete Blood Picture)
  • पूरी खून की गणना (Full Blood Count)
  • पूर्ण रक्त-गणना (Complete blood count)
  • सम्पूर्ण रक्त कोशिका गणना (Complete blood cell count)
  • सम्पूर्ण रक्त परिक्षण (Full Blood Examination)

 सीबीसी टेस्ट कब करना चाहिए?

सीबीसी टेस्ट एक साधारण रक्त परीक्षण है जो किसी मनुष्य के स्वास्थ्य की स्थति का पता लगाने के लिए किया जाता है | यह टेस्ट विभिन्न रोगों और स्थितियों की पहचान करने में मदद करता है | इस जाँच में रक्त से सम्बंधित कई तत्वों का गणना किया जाता है |

जैसे :- हेमोग्लोबिन,लाल रक्त कोशिका ,सफ़ेद रक्त कोशिका , प्लेटलेट्स इत्यादि | जब आप किसी बीमारी के चपेट में आ जाते है तब चिकित्सकों द्वारा अन्य टेस्ट के साथ-साथ CBC टेस्ट कराने का भी सलाह दिया जाता है | जिससे की बीमारी का सही पता लगा सकें |

सीबीसी जांच कितने रुपए में होती है?

CBC जाँच की कीमत अस्पतालों और प्रयोगशालाओं के आधार पर भिन्न हो सकती है यह कीमत स्थान ,शहर और उपयोग के अनुसार बदल सकती है |

आम तौर पर इस जाँच की कीमत 200 रुपया से लेकर 1000 रुपया तक हो सकता है | अगर आप यह जाँच कराना चाहते है तो नजदीकी अस्पतालों तथा प्रयोगशालाओं में जाकर पता करें |

सीबीसी टेस्ट कैसे किया जाता है?

सर्वप्रथम रक्त का नमूना लिया जाता है | जिसे किसी भी व्यक्ति के नस से इंजेक्शन की सहायता से लिया जाता है | इस प्रक्रिया को ब्लड कलेक्शन भी कहा जाता है |

उसके बाद पूर्ण ब्लड (Whole Blood) को एक विशेष प्रकार के vial में डालकर प्रयोगशाला या अस्पताल में भेजा जाता है |

जहाँ पर माइक्रोस्कोप तथा CBC Analyzer के माध्यम से Erythrocyte (RBC),Leucocytes (WBC), Platelets तथा इनसे सम्बंधित अन्य घटकों का जाँच किया जाता है | जाँच पूर्ण होने के बाद आपको रिपोर्ट दिया जाता है |

 सीबीसी रिपोर्ट कैसे पढ़ें?

 निचे आप एक CBC का रिपोर्ट देख सकते है  | इसे आप आसानी से पढ़ सकते है   इस रिपोर्ट में आपको जाँच का परिणाम  यूनिट तथा नार्मल रेंज दिया  गया है जिसे पढ़कर आप समझ सकते है की आपका रिपोर्ट नार्मल है या नहीं है |

इस चित्र में CBC जाँच की चित्र को दिखाया गया है ताकि आपको समझने में आसानी हो की सीबीसी रिपोर्ट कैसा होता है |


सीबीसी टेस्ट क्यों किया जाता है?

CBC जाँच (Test) को निम्नलिखित कारणों से किया जाता है |

यह जाँच रोगों के निदान हेतु कराया जाता है | यह टेस्ट विभिन्न रोगों के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है | यह रक्त की कोशिकाओं , हेमोग्लोबिन स्तर और अन्य बायोकेमिकल पैरामीटरों की मापन करके शरीर के विभिन्न रोगों की पहचान करने में मदद करता है |

जैसे- हैमोग्लोबिनोपेनिया (हेमोग्लोबिन की कमी), अनेमिया (रक्त की कमी), लिक्यूकोपेनिया (लाल रक्तकणिकाओं की कमी) और अन्य संबंधित रोगों की पहचान हो सकती है। जिससे इलाज करने में मदद मिलती है |

सीबीसी जांच क्यों होता है?

सी बी सी जाँच व्यक्ति के स्वास्थ स्थति की निगरानी करने के लिए की जाती है | या रक्त में हेमोग्लोबिन स्तर ,रक्त की कोशिकाओं की संख्या ,प्लेटलेट्स की संख्या और अन्य बायोकेमिकल पैरामीटरों की गणना किया जाता है | ताकि पता चल सके की किसी भी व्यक्ति के शरीर में कौन सी बीमारी है |

 सीबीसी टेस्ट कब करना चाहिए?

CBC टेस्ट को नियमित चेकअप का हिस्सा माना जाता है | यह जाँच किसी भी व्यक्ति की स्वास्थ स्तर की निगरानी करने और शारीरिक समस्यओं को पहचाननें में सहायता करता है |

अगर आपके द्वारा विशेष स्वास्थ्य समस्या का संकेत है या डॉक्टर ने यह जाँच करने का सुझाव दिया है तो इस जाँच की जरुर कराना चाहिए |

किसी बीमारी के उपचार के दौरान इस टेस्ट को नियमित समय अन्तराल पर किया जाता है | ताकि उपचार की प्रगति का मल्यांकन किया जा सकें |

अगर आपके अन्दर निम्नलिखित लक्षण दिखे या महसूस हो तो आपको एक बार CBC Test जरुर कराना चाहिए |

  • थकान महसूस होना ,
  • चक्कर आना ,
  • त्वचा की पीलापन ,
  • नींद आना ,
  • बुखार लगना ,
  • सुजन होना ,
  • रक्तस्राव या किसी भी जगह से रक्त का बहना जैसे की नाक से ,दांत के मसुरा से ,मल तथा मूत्र से,
  • पेट का दर्द करना ,
  • श्वास लेने में समस्या ,
  • संक्रमण
  • कैंसर
  • एनीमिया
  • डेंगू,
  • मलेरिया,
  • चिकनगुनिया
  • एवं अन्य किसी भी प्रकार का संक्रमण का पता लगाने के लिए इस टेस्ट को किया जाता है |

CBC Test Full Form In Hindi

Complete Blood Count (पूर्ण रक्त गणना ) , सम्पूर्ण रक्त माप 

निष्कर्ष   

CBC Test in hindi के इस लेख में आज आप सभी ने जाना की सीबीसी टेस्ट क्या है ? इस टेस्ट के अंतर्गत किन  चीजों का परीक्षण किया जाता है ? कैसे किया जाता है ?  तथा इस के अनेक भागों को जाना जैसे की WBC क्या है ? RBC क्या है ? प्लेटलेट क्या है ? एवं इनसे सम्बंधित अनेको विषयों के बारें में जाना  उम्मीद करते है की आपके लिए यह लेख उपयोगी सावित हो  कुछ कमी रह गई हो तो आप हमें कमेंट में जरुर बताएँ ताकि में उसे सुधार सकूँ |

FAQs

सीबीसी टेस्ट कितने रुपए में होता है ?

उत्तर :- CBC की जाँच की कीमत 200 रुपया से लेकर 1000 रुपया तक हो सकता है |

सीबीसी टेस्ट की जरूरत क्यों है?

उत्तर :- सीबीसी (CBC) टेस्ट की जरूरत निम्नलिखित कारणों से होती है |स्वास्थ्य अवस्था की जाँच सीबीसी टेस्ट रक्त के माध्यम से व्यक्ति की स्वास्थ्य अवस्था की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। इसके माध्यम से विभिन्न रक्त संबंधी समस्याओं, रोगों और इम्यून सिस्टम की समस्याओं का पता चलता है। जैसे एनीमिया, इन्फेक्शन, खून की कमी, प्लेटलेट संबंधी समस्याएँ और अन्य रक्त संबंधी समस्या का पता चलता है।

प्लेटलेट्स कम से कम कितनी होनी चाहिए?

उत्तर :- एक व्यक्ति के रक्त में प्लेटलेट कम से कम संख्या 150000 तक होता है |

HGB Full form in hindi

उत्तर :- हीमोग्लोबिन

सीबीसी टेस्ट में क्या पता चलता है?

उत्तर:- सीबीसी टेस्ट एक रक्त परीक्षण प्रक्रिया है जिससे चिकित्सा द्वारा रक्त की संख्या, हेमोग्लोबिन, लाल रक्त कोशिकाओं (RBC), सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) और रक्त प्लेटलेट्स (Platelets) की गिनती और गुणवत्ता के माध्यम से व्यक्ति के रक्त की स्वास्थ्य स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है।

CBC टेस्ट में कितना समय लगता है?

उत्तर:- यह आमतौर पर कुछ घंटों में पूरा हो जाता है। इसमें रक्त नमूना लेने, नमूना को प्रयोगशाला में भेजने, नमूने की प्रसंस्करण और जांच के लिए अवधि शामिल होती है। यह समय अलग-अलग प्रयोगशालाओं और इलाज केंद्रों के आधार पर भिन्न हो सकता है। इस जाँच का रिपोर्ट 1 से 2 घंटे में मिल जाती है | अगर आपके सैंपल को जाँच के लिए शहर से बाहर भेजा गया है तो 1 से 2 दिन का समय लग सकता है |

प्लेटलेट्स की संख्या कितनी होती है?

उत्तर :- इसकी संख्या महिलाओं तथा परुषों में 150000 से 410000 तक होता है |

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